कर्नाटक सरकार इस साल भी टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है. ऐसे में एक बार फिर टीपू सुल्तान पर राजनीति घमासान शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने टीपू सुल्तान की तुलना बाबर और तैमूर से करते हुए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार और राहुल गांधी पर निशाना साधा है. कर्नाटक में टीपू की जयंती के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और मदिकेरी में लोग टीपू जयंती का विरोध भी कर रहे है. राज्य की सिद्धारमैया सरकार पिछले दो साल से टीपू जयंती मना रही है.
गिरिराज सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'कांग्रेस और राहुल गांधी का वोट के लिए मानसिक पतन का ये हाल है कि वो फ़िरोज़ गांधी का जन्मदिन तो नहीं मनाते हैं लेकिन बाबर, तैमूरलंग, टीपू सुल्तान का मनाते हैं. अब आगे क्या अफ़ज़ल गुरु, कसाब और बुरहान वानी का जन्मदिन भी मनायेंगे?' गिरिराज ने भले ही टीम को तुलना बाबर से की हो लेकिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पिछले दिनों टीपू की तारीफ कर चुके हैं.
कांग्रेस और राहुल गांधी का वोट के लिए मानसिक पतन का ये हाल है की वो फ़िरोज़ गांधी का जन्मदिन तो नहीं मनाते है लेकिन बाबर, तैमूरलंग, टीपू सुल्तान का मनाते है। अब आगे क्या अफ़ज़ल गुरु, कसाब और बुरहान वाणी का जन्मदिन भी मनायेंगे?
— Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) November 10, 2017
राष्ट्रपति ने बताया महान
पिछले दिनों कर्नाटक विधानसभा के 60वीं सालगिरह पर संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा था कि टीपू सुल्तान अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ते हुए शहीद होने वाले योद्धा हैं और उन्होंने मैसूर रॉकेट के विकास में अहम योगदान दिया. इसके बाद भी बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने टीपू सुल्तान को हत्यारा बताया था. टीपू सुल्तान को लेकर दक्षिणपंथी विचारधारा को लोग एख मत होने नहीं दिख रहे हैं.
कौन थे टीपू सुल्तान
टीपू सुल्तान का जन्म 10 नवम्बर 1750 को कर्नाटक के देवनाहल्ली (यूसुफ़ाबाद) में हुआ था. उनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था. उनके पिता हैदर अली मैसूर साम्राज्य के सेनापति थे. जो कि 1761 में मैसूर साम्राज्य के शासक बने. अपने पिता के बाद टीपू सुल्तान 1782 में मैसूर की गद्दी पर बैठे। 4 मई 1799 को 48 वर्ष की आयु में कर्नाटक के श्रीरंगपट्टन्नम में अंग्रेजों का सामना करते हुए टीपू वीरगति को प्राप्त हुए.