पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने विलफुल डिफॉल्टर के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है. टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने शनिवार को कहा कि मुझे अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) की ओर से 2,426 विलफुल डिफॉल्टर की लिस्ट मिली है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आम आदमी से 1,47,350 करोड़ रुपये लूटे गए हैं.
टीएमसी सांसद ने कहा कि बेरोजगार प्रवासी कामगरों के खातों में ट्रांसफर करने के लिए ये रकम बहुत है. ये सरकार लोगों की कीमत पर क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा दे रही है. डेरेक ओ ब्रायन ने उस लिस्ट को भी साझा किया जो AIBEA ने उन्हें दी है. लिस्ट 30 सितंबर 2019 से बैंक में जो भी विलफुल डिफॉल्टर उनकी है.
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लिस्ट के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 685 विलफुल डिफॉल्टर हैं. इनकी रकम 43,887 करोड़ होती है. वहीं, पंजाब नेशनल बैंक में 325 विलफुल डिफॉल्टर हैं. पीएनबी में ये रकम 22,370 करोड़ है. इसके अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, इंडियन बैंक में भी विलफुल डिफॉल्टर हैं.
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17 बैंकों में 2,426 विलफुल डिफॉल्टर हैं और ये रकम 1,47,350 करोड़ है. हालांकि लिस्ट में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक के नाम भी हैं, लेकिन यहां पर कितने विलफुल डिफॉल्टर हैं और उनकी रकम कितनी है इसकी जानकारी नहीं है.
बता दें कि विलफुल डिफॉल्टर के मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं. उन्होंने इस संसद में भी उठाया था. राहुल गांधी ने बजट सत्र के दौरान सरकर से देश के 50 डिफॉल्टर नाम पूछे थे. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि जिन लोगों ने हिंदुस्तान के बैंकों से चोरी की है उनको मैं पकड़कर वापस लाऊंगा. तो मैंने सरकार से उनके नाम पूछे. मुझे जवाब नहीं मिला.
हालांकि, तब वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के सवालों का जवाब दिया था. अनुराग ठाकुर ने कहा कि इसमें छुपाने की कोई बात नहीं है. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) की वेबसाइट पर सारे विलफुल डिफॉल्टर का नाम दिया जाता है.