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सोनिया की बैठक में नहीं आएंगी ममता, राहुल की कांग्रेस से है दिक्कत‍?

अटकलें तेज हो गई हैं तृणमूल कांग्रेस को राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के साथ चलने में वास्तव में दिक्कत है और वह इससे दूरी बनाना चाह रही है.

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ममता बनर्जी
ममता बनर्जी

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी दिल्ली में सोनिया गांधी द्वारा गुरुवार को बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में शरीक नहीं होंगी. इससे अटकलें तेज हो गई हैं तृणमूल कांग्रेस को राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के साथ चलने में वास्तव में दिक्कत है और वह इससे दूरी बनाना चाह रही है.

उन्होंने राज्य विधानसभा में बुधवार को पत्रकारों से कहा, 'मैं कल की बैठक में शरीक नहीं हो पाऊंगी, क्योंकि मेरे पहले से कुछ कार्यक्रम तय हैं.' उन्होंने कहा कि यह एक नियमित बैठक है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता शरीक होंगे.

संसद के बजट सत्र के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने को लेकर सोनिया द्वारा विपक्षी नेताओं की बैठक करने की संभावना है. वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद यह बैठक होना है. असल में कांग्रेस यह कोशिश कर रही है कि 2019 के चुनाव में एनडीए से मुकाबले के लिए विपक्षी दल एकजुट हों. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में टीएमसी की तरफ से सांसद डेरेक ओ ब्रिएन और सुदीप बंद्योपाध्याय शामिल होंगे.  

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हाल के हफ्तों में टीएमसी ने बार-बार यह संकेत देने की कोशिश की है कि 2019 में पीएम मोदी से मुकाबले के लिए राहुल गांधी की जगह ममता बनर्जी बेहतर नेता साबित हो सकती हैं. पिछले महीने कोलकाता में इंडिया टुडे कॉनक्लेव में ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया था कि मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए से मुकाबले के लिए सामूहिक नेतृत्व की जरूरत है. राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ममता ने टिप्पणी की थी कि वह युवा हैं और उन्हें अभी अनुभव लेने की जरूरत है.

बुधवार को टीएमसी की कोर कमेटी की बैठक में ममता बनर्जी ने चुनाव फंडिंग को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों की आलोचना की. 2019 के चुनाव से पहले टीएमसी अपने पत्ते काफी सावधानी से खेल रही है. पार्टी यशवंत सिन्हा द्वारा आयोजित 'राष्ट्र मंच' की मीटिंग में तो शामिल हुई, लेकिन एनसीपी की बैठक से उसने दूरी बनाए रखी.

उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई हिंसा के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा कि वहां जो कुछ हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, वहां शांति बहाल होने दीजिए.

कासगंज में मारे गए चंदन गुप्ता के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की विहिप की मांग के बारे में एक सवाल पूछे जाने पर ममता ने कहा, ‘मैं ब्योरा नहीं जानती. यदि कोई साम्प्रदायिक स्थिति है तो हम इस पर टिप्पणी नहीं करेंगे. राज्य सरकार को मानवीय आधार पर कोई फैसला करने दीजिए.'

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