तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को अपने राज्यसभा सांसद कुणाल घोष को अनुशासनिक आधार पर निलंबित कर दिया.
तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने संवाददाताओं को बताया, 'कारण बताओ नोटिस के बावजूद कुणाल घोष पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने से बाज नहीं आए. उन्होंने पार्टी की छवि धूमिल की. अनुशासन समिति ने 27 सितंबर को बैठक की और उन्हें निलंबित करने का फैसला लिया.'
शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर पुलिस की जांच में घिरे कुणाल घोष ने 20 सितंबर को एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि इस घोटाले में शामिल लोग उन्हें बलि का बकरा बना रहे हैं. उन्होंने घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी. उस समय पार्टी के दो लोकसभा सांसद तापस पाल और शताब्दि राय भी घोष के साथ मौजूद थे. उन्होंने भी उस मंच से अपनी दिल की बात कही थी.
तृणमूल की अनुशासन समिति ने उसी दिन बैठक कर तीनों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला लिया था. अनुशासन समिति के संयोजक चटर्जी ने कहा कि कारण बताओ नोटिस के जवाब में पाल और राय ने पार्टी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पत्र लिखकर माफी मांग ली, लेकिन घोष ने अपना पार्टी विरोधी कदम वापस नहीं लिया.
चटर्जी ने कहा, 'घोष को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक पार्टी से निलंबित किया गया है और उन्हें इसकी औपचारिक सूचना भेजी जा रही है.'