तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी रॉय को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने समन भेजा है. शताब्दी रॉय का नाम पश्चिम बंगाल के रोज वैली स्कैम में सामने आ रहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने शताब्दी रॉय को 12 जुलाई को ईडी कोर्ट में पेश होने को कहा है. वहीं इसी मामले में मंगलवार को ही मदन मित्रा से भी पूछताछ की गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक टीएमसी सांसद मदन मित्रा से पहली बार इस घोटाले के संबध में पूछताछ हो रही है. उनके साथ प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने 4 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की.
हालांकि 2014 में शारदा-पोंजी स्कैम मामले में मदन मित्रा को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है. उस वक्त मदन मित्रा ट्रांसपोर्ट मंत्री थे. जमानत मिलने से पहले वह 21 से अधिक महीनों तक जेल में रहे थे.
ईडी का मानना है कि रोज वैली घोटाला, सारदा पोंजी घोटाले से ज्यादा बड़ा घोटाला है.रोज वैली चिटफंड घोटाले में रोज वैली ग्रुप ने लोगों से दो अलग-अलग स्कीम का लालच दिया और आम लोगों का पैसा हड़प लिया.
हॉलिडे मेंबरशिप स्कीम के नाम पर लोगों को ज्यादा रिटर्न देने का झांसा देकर रोजवैली ग्रुप ने करीब 1 लाख निवेशकों को 15 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा दिया. रोजवैली ग्रुप के प्रबंध निदेशक शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं. इस घोटाले के तार बॉलीवुड और रिएल स्टेट कारोबारियों से जुड़े होने के आरोप हैं.
रोजवैली घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने इस केस में दिसंबर 2016 में टीएमसी के सांसद तापस पॉल को गिरफ्तार किया था. जबकि इस केस में जनवरी 2017 में गिरफ्तार सुदीप बंदोपाध्याय टीएमसी के दूसरे सांसद थे. टीएमसी सांसद मुकुल रॉय का नाम रोजवैली घोटाले में भी सामने आया था.