सीपीएम की महिला कार्यकर्ताओं का रेप करवाने की बात कहने वाले टीएमसी सांसद तापस पाल चौतरफा निशाने पर आ गए हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने तापस को गिरफ्तार करने और पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी चिट्ठी लिखी है. वहीं टीएमसी ने कहा है कि तापस के बारे में बुधवार को फैसला ले लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस शर्मनाक बयान से टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी आहत हैं.
महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने बताया, 'मैं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर और ममता बनर्जी को चिट्ठी लिख रही हूं कि तापस पाल को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. साथ ही उन्हें निष्कासित किया जाए. अगर ममता उन्हें पार्टी से नहीं निकालती हैं तो खुद सीएम पद से इस्तीफा दें.'
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी तापस पाल के बयान की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा, 'यह गंभीर मुद्दा है. हम लोकसभा में इसके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाएंगे.' पार्टी के पोलित ब्यूरो की ओर से भी तापस के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है. पोलित ब्यूरो ने संसद से भी तापस के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
उस वक्त बहुत परेशानी में थे तापस: पत्नी
इससे पहले मंगलवार सुबह तापस की पत्नी नंदिनी पाल ने अपने पति के बयान पर माफी मांगी. उन्होंने कहा, 'मैंने जब यह देखा मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा. मैं इसका बिल्कुल भी समर्थन नहीं करती हूं. लेकिन मुझे लगता है कि मामला जरूर कुछ और होगा, जिसके चलते उन्होंने ये सब किया. ये एक पुरानी घटना है. उस वक्त वो बहुत परेशानी में थे. शायद उस वजह से उन्होंने ऐसा किया. उनकी तरफ से मैं माफी मांगती हूं.' टीएमसी ने कहा, नहीं रखते बयान से इत्तेफाक
इससे पहले टीएमसी प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने देर रात एक बयान में कहा, 'तापस पाल को 48 घंटे के भीतर पार्टी को लिखित सफाई देनी होगी. उनका बयान काफी असंवेदनशील है. उनके कई हफ्ते पहले दिए इस बयान से पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती.'
संसद से अयोग्य ठहराए जाएंगे पाल?
गौरतलब है कि टीएमसी सांसद तापस पाल का सोमवार को एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह सीपीएम की महिला कार्यकर्ताओं से खुलेआम बलात्कार करने की धमकी देते नजर आ रहे थे. पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काते हुए पाल ने कहा, 'जाओ और खुलेआम सीपीएम की महिला कार्यकर्ताओं से बलात्कार करो.'
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, 'पाल ने ऐसा क्यों कहा, इसकी हम जांच करेंगे. अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो पार्टी इस तरह के बयानों से सहमत नहीं है.'
इस विवादास्पद टिप्पणी ने बवाल मचा दिया और माकपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने इसकी निंदा करते हुए लोकसभा स्पीकर से पाल की टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लेने तथा उन्हें संसद की सस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है. पाल ने नदिया जिले के चौमाहा गांव में अपने भाषण के एक वीडियो में कहा है, ‘क्या सीपीएम का कोई व्यक्ति यहां है. मेरी बात सुनें. यदि आपने तृणमूल कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता को छुआ भी तो इसके लिए आपको कीमत चुकानी होगी. मेरे साथ होशियारी न करें. मैं आपसे ज्यादा तेज हूं. मैं कोलकाता से नहीं हूं.’
तापस ने दी थी रेप करवाने को लड़के भेजने की धमकी
यह वीडियो एक क्षेत्रीय भाषा के समाचार चैनल पर दिखाया गया और फैल गया. अभिनेता से नेता बने सांसद ने कहा, ‘मैं चंदननगर से हूं. कार्यकर्ता नेता पैदा करते हैं. मैं भी एक गुंडा हूं. यदि तृणमूल कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता पर कभी हमला हुआ तो मैं आपके लोगों को गेाली मार दूंगा. यदि आपमें कूवत है तो रोक लो मुझे. यह ध्यान रखना.’ पाल ने कहा, ‘इससे पहले भी आप लोगों ने कई मौकों पर मुझे धौंस दिखाई है. अगर आपने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मां-बहनों का अपमान किया तो मैं अपने लड़कों को आपके घरों में छोड़ दूंगा और वे बलात्कार करेंगे. मैं आप सब को सबक सिखाऊंगा.’ पाल ने हालांकि, बलात्कार के बारे में बोले जाने से इनकार किया.
पश्चिम बंगाल शासन में अराजकता फैली है: CPM
उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था कि मैं अपने कार्यकर्ताओं से धावा बोलने को कहूंगा.’ तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता देरेक ओ ब्रियान ने कहा कि पार्टी पाल के बयान का समर्थन नहीं करती जो असंवेदनशील है. उन्होंने कहा, ‘श्रीमान तापस द्वारा दिया गया बयान अति संवेदनशील है. पार्टी इस बात का किसी भी तरह से समर्थन नहीं करती है जो उन्होंने कई हफ्ते पहले कही थी जो आज टीवी चैनलों पर दिखाया गया.’ सीपीएम नेता वृंदा करात ने कहा है कि लोकसभा स्पीकर को पाल की सदस्यता खत्म करने के लिए फौरन कदम उठाना चाहिए. उनकी पार्टी के सहकर्मी मोहम्मद सलीम ने कहा है कि पाल की धमकी तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में ‘अराजकता’ को दिखाती है.
सामाजिक कार्यकर्ता किरन बेदी ने कहा है कि सांसद के खिलाफ पुलिस को मामला दर्ज करना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए. पाल की टिप्पणी की कांग्रेस और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी निंदा की है. तृणमूल के वरिष्ठ नेता और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि पार्टी सांसद के बयान का समर्थन नहीं करती है. उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे शब्दों का कभी समर्थन नहीं करते. उन्हें ऐसे शब्द इस्तेमाल करने से बचना चाहिए था.’ उन्होंने कहा, ‘यह देखना चाहिए कि किन परिस्थितियों में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया. विपक्ष ने जरूर ही ऐसी स्थिति पैदा की होगी फिर ऐसी प्रतिक्रिया दी गई होगी.’