scorecardresearch
 

दार्जिलिंग में TMC की रैली, आगे की रणनीति के लिए JMM की आपात बैठक

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सिलीगुड़ी में डीजी और गृह सचिव के साथ बैठक कर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करेंगी, बैठक करीब 2 बजे शुरू होगी. इससे पहले ममता ने जेएमएम की ओर से बुलाए गए 12 घंटे के बंद को अवैध करार दिया था.

Advertisement
X
अलग गोरखालैंड की मांग
अलग गोरखालैंड की मांग

Advertisement

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भड़की हिंसा के बाद अब हालात काबू में होते दिख रहे हैं. इस बीच टीएमसी शनिवार को दार्जिलिंग में रैली करने जा रही है. रैली उस वक्त हो रही है जब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की ओर से आगे की रणनीति तय करने बैठक लिए बैठक भी हो रही है. ऐसे में फिर से तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सिलीगुड़ी में डीजी और गृह सचिव के साथ बैठक कर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करेंगी. बैठक करीब 2 बजे शुरू होगी. इससे पहले ममता ने जेएमएम की ओर से बुलाए गए 12 घंटे के बंद को अवैध करार दिया था. शुक्रवार को तनाव ग्रस्त दार्जिलिंग, कलिमपोंग और कुर्सेयोंग में सेना से फ्लैग मार्च भी किया था.

Advertisement

गुरुवार को जीजेएम के उग्र आंदोलनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई झड़प में 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. प्रदर्शनकारियों ने 5 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था. इस हिंसा में आंदोलनकारियों ने एक यातायात चौकी में भी आग लगा थी. इसके अलावा, बैरीकेड भी तोड़े गए. हिंसा के दौरान राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई.

क्यों भड़की हिंसा
पश्चिम बंगाल के सभी स्कूलों में बंगाली पढ़ाए जाने को अनिवार्य किए जाने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दार्जिलिंग दौरे के खिलाफ जेएमएम पूरे पहाड़ी इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. जेएमएम की मांग है कि नेपाली को भाषा के रूप में पढ़ाया जाए या जरूरत हो तो हिंदी पढ़ाया जाए, लेकिन गोरखा जन मुक्ति मोर्चा ममता के निर्णय के बिल्कुल खिलाफ है.

अलग गोरखालैंड की मांग
ममता बनर्जी के दौरे से पहले और आने के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतरकर दार्जिलिंग की सड़कों पर काले झंडे दिखाए और अलग गोरखालैंड की मांग की. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के संस्थापक बिमल गुरंग ने कहा कि ममता बनर्जी ने दावा किया था कि बंगाली पढ़ना अनिवार्य नहीं, बल्कि च्वॉइस होगी. उन्होंने ने मांग करते हुए कहा कि ममता बनर्जी इस संबंध में विधानसभा में बिल पास करें कि नेपाली भाषा को पूरी सुरक्षा मिलेगी.

Advertisement
Advertisement