भारत और अमेरिका ने आतंकवादी खतरे को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है. दोनों ने एक मल्टी एजेंसी सेंटर के एग्रीमेंट पर साइन किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत अमेरिका के साथ बातचीत करेगा, जिससे भारत को आतंकियों की रियल टाइम जानकारी मिलती रहेगी. गृह सचिव राजीव महर्षि और अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा के बीच इस एग्रीमेंट पर साइन पहले ही हो चुके हैं.
मोस्ट वांटेड लिस्ट का भी होगा आदान-प्रदान
इसके अलावा सितंबर के अंतिम सप्ताह में गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी अमेरिका में जाएंगे, जहां पर रियल टाइम टेररिस्ट स्क्रीनिंग सेंटर के बारे में विस्तृत बातचीत होगी. इसके साथ ही आतंकवादियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट का भी आदान-प्रदान किया जाएगा और भारत में जो आतंकवादियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट है, उनसे जुड़े हुए डोजियर को भी मल्टी एजेंसी स्क्रीनिंग सेंटर के पास दिया जाएगा. इसके चलते भारत उन तमाम आतंकवादियों पर नकेल कस सकेगा, जो किसी न किसी रूप में दूसरे देशों में रह रहे हैं.
आईएसआईएस और आतंकी गतिविधियों को लेकर भारत की खुफिया एजेंसी आईबी और रॉ ने एफबीआई के साथ टेररिस्ट स्क्रीनिंग (TSC) बनाने को लेकर कदम उठा लिया है. टेररिस्ट स्क्रीनिंग सेंटर के जरिए आतंकियों की सूचना रियल टाइम आदान-प्रदान होगा, जिससे घटना होने से पहले कदम उठाए जा सकेंगे.
ऐसे करेगा भारत-अमेरिका का टेररिस्ट स्क्रीनिंग सेंटर काम
1. आतंकियों की जानकारी के लिए बनेगा रियल टाइम आतंकी साजिश देने की सूचना.
2. भारत और अमेरिका के बीच मल्टी एजेंसी सेंटर के बीच होगा हॉट लाइन संपर्क.
3. हॉट लाइन के जरिए आतंकियों की जानकारी और उनकी फंडिंग रोकने के लिए तुरंत दी जाएगी जानकारी.
4. भारत और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों के ताजा इनपुट, जिसमें मोस्टवांटेड आतंकियों की लिस्ट होगी और उनसे संबंधित डोजियर की पूरी जानकारी भी साझा होगी.
5. यही नहीं अमेरिका के साथ भारत आईएसआईएस की गतिविधियों में शामिल लोगों की एक लिस्ट बनाकर मल्टी एजेंसी सेंटर में साझा करेगा, जिसके जरिए भारत से अमेरिका गए लोगों पर उनकी गतिविधियों पर नजर रख सके.
6. भारत अमेरिका के साथ शामिल होकर अब 30 देशों के उस पूल में शामिल हो गया है जो पहले से आतंकियों की गतिविधियों को लेकर रियल टाइम जानकारी शेयर करते हैं.
गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस एग्रीमेंट में उन तमाम चीजों को भी ध्यान में रखा गया है कि अगर भारत के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद फैलाने की कोशिश किसी देश के जरिए होता है. इसमें नकली नोट का एक बहुत बड़ा हिस्सा भारत में आता है. एक जानकारी के मुताबिक करीब 400 करोड रुपए नकली नोट भारत में इस वक्त मौजूद है.
भारत ने उन देशों पर भी कड़ा कदम उठाने के लिए भी अमेरिका से संपर्क किया, जो देश भारत में नकली नोट सप्लाई करते हैं. उन देशो की स्याही की पहचान होने के बाद उनकी स्याही की सप्लाई बंद की जा सकती है.