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अरुणाचल प्रदेश में अभी आसान नहीं कांग्रेस की राह, 'ये' बिगाड़ सकते हैं खेल

मौजूदा स्थिति में कांग्रेस के पास 22 विधायक हैं. 20 विधायक बाग़ी होकर बीजेपी के साथ हैं. बीजेपी के पास 11, पीपीए के पास 5 और 2 सीट निर्दलीय के पास हैं. ऐसे में कांग्रेस के पास बहुमत साबित करना बड़ी चुनौती है.

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कांग्रेस के लिए 20 बागी विधायक काफी अहम होंगे
कांग्रेस के लिए 20 बागी विधायक काफी अहम होंगे

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कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में तो अरुणाचल प्रदेश की जंग जीत ली है, लेकिन सिर्फ सरकार बहाल करने से ही हालात सामान्य नहीं होंगे. बल्कि विधानसभा में नबाम तुकी को बहुमत साबित करना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस के बागी खेल को बना या बिगाड़ सकते हैं.

1. दिसंबर 2014 के विधानसभा चुनावों के बाद साठ सीटों वाले अरुणाचल में कांग्रेस को 42 सीटों के साथ बहुमत मिला था. बीजेपी को 11 सीटें हासिल हुई थीं. पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल को 5 सीटें और 2 सीटें निर्दलीय को मिली थीं. मगर, दिसंबर 2015 के बाद बागियों ने खेल बिगाड़ दिया.

2. मौजूदा स्थिति में कांग्रेस के पास 22 विधायक हैं. 20 विधायक बागी होकर बीजेपी के साथ हैं. बीजेपी के पास 11, पीपीए के पास 5 और 2 सीट निर्दलीय के पास हैं. ऐसे में कांग्रेस के पास बहुमत साबित करना बड़ी चुनौती है.

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3. कोर्ट के आदेश के तहत कांग्रेस को दोबारा सरकार में आने का अधिकार तो मिल गया है, लेकिन बागियों को अपने साथ लाना आसान नहीं है इसलिए, नबाम तुकी को अरुणाचल विधानसभा में बहुमत की जंग जीतनी पड़ सकती है.

4. अब नबाम तुकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. इसके अलावा स्पीकर खुद बहुमत साबित करने के लिए बुला सकते हैं. या नबाम तुकी खुद ही बहुमत साबित करने की इजाजत मांग सकते हैं. तीनों ही स्थिति में सबसे अहम होंगे कांग्रेस के 20 बागी.

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