अलग-अलग कारणों से देश में मुसलमानों की संख्या बढ़ रही है और इस जनसंख्या असंतुलन को काबू करने के लिए हर हिंदू परिवार को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए. यह कहना है बीजेपी के मातृसंगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का.
अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी खबर के मुताबिक, आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने कहा है कि देश में अलग-अलग कारणों से जनसंख्या असंतुलन बढ़ा है और इस पर काबू पाने के लिए हर हिंदू परिवार को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने चाहिए.
दत्तात्रेय कोच्चि में संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे.
बांग्लादेशी घुसपैठियों का भी असर
उन्होंने कहा, ‘धर्म बदलने, जन्म दर गिरने और बड़े स्तर पर बांग्लादेशी घुसपैठियों के आने से देश में जनसांख्यिक बदलाव आए हैं. हिंदू परिवार बड़े होंगे तो देश के कई हिस्सों में अल्पसंख्यकों को जनसंख्या के स्तर पर आगे बढ़ने का मौका नहीं मिलेगा.’
उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय पर परिवार नियोजन लागू नहीं होना चाहिए और संतुलित विकास के लिए ‘जनसंख्या संतुलन’ बेहद जरूरी है.
एलीट हिंदू परिवार गंभीरता से सोचें
दत्तात्रेय ने दावा किया कि 6 साल तक के बच्चों की जन्म दर हिंदुओं में 15 फीसदी और मुसलमानों में 18 फीसदी है, इसलिए ‘एलीट’ हिंदुओं को परिवार नियोजन पर नए सिरे से विचार करना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि परिवार में एक बच्चे का रिवाज होने की वजह से हमारे पास सेना में भर्ती होने के लिए पर्याप्त जवान नहीं हैं.
देवालय-शौचालय दोनों अहम
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के ‘देवालय से पहले शौचालय’ के बयान पर दत्तात्रेय ने कहा कि दोनों ही समान रूप से अहम हैं और इस मामले में प्राथमिकता तय करने जैसा कोई सवाल नहीं है.
संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुस्लिम कट्टरवाद और सीमा सुरक्षा पर प्रस्ताव लाए गए.