बीजेपी ने तय किया है कि वह मौजूदा सूरत में सरकार बनाने का दावा नहीं करेगी.जब दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग उसे सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते न्योता देंगे तो वह अपना ये नैतिक पत्ता खेल देगी. मगर ये खबर तो कल से ही बाहर आ रही है. बड़ी खबर ये है कि नरेंद्र मोदी सरकार बनाने के प्रयासों के पक्ष में थे. उनकी इस संबंध में दिल्ली में बीजेपी के सीएम कैंडिडेट हर्षवर्धन से बातचीत भी हुई थी. मगर दोनों ने ही इस मसले पर पार्टी के बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी की सलाह के मुताबिक आखिरी फैसला लेना ठीक समझा.आडवाणी ने मोदी और हर्षवर्धन को सलाह दी कि मौजूदा हालात में सरकार बनाने की कोई भी कोशिश ठीक नहीं होगी. सार्वजनिक जीवन में नैतिकता नए सिरे से परवान चढ़ रही है और बीजेपी को इस पर खरा उतरना चाहिए. कोई भी हड़बड़ाहट लोकसभा चुनाव की दृष्टि से नुकसानदेह हो सकती है.
सोमवार शाम को आडवाणी के घर पर हुई एक बैठक में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, दिल्ली के पार्टी प्रभारी नितिन गडकरी, दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल और हर्षवर्धन मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान ने तय किया था कि इस मसले पर सभी को साथ लेकर ही फैसला किया जाए. अंदरखाने ये डर भी था कि कहीं आडवाणी अपने ब्लॉग में सत्ता के लिए किए जा रहे इन प्रयासों की आलोचना न कर दें.कर्नाटक और झारखंड में पार्टी की ऐसी कोशिशों को आडवाणी नैतिक आधार पर गलत ठहरा चुके हैं.
चुनावों के दौरान नकारा था आप को आडवाणी ने
ये तो हुई मौजूदा राजनीतिक हालात और उस पर बुजुर्ग की सलाह की बात. मगर इन्हीं लालकृष्ण आडवाणी ने दिल्ली चुनावों के दौरान हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस के इतर तीसरी पार्टी के लिए कोई जगह नहीं है.क्या अरविंद केजरीवाल कोई ताकत बन पाएंगे. इस सवाल पर आडवाणी ने कहा था कि मुझे दिल्ली की जनता की समझ पर पूरा भरोसा है, वह जानती है कि कांग्रेस को हटाकर सरकार बनाने की स्थिति में कौन है.