scorecardresearch
 

ओलंपिक के लिए बजरंग पूनिया की तैयारियों में कैसे अटके रोड़े, ब्रॉन्ज मेडलिस्ट ने खुद बताया

टोक्यो ओलंपिक 2020 का सेमीफाइनल मुकाबला गंवाने वाले बजरंग पुनिया ने शनिवार को कुश्ती के 65 किलोग्राम भार वर्ग के मुकाबले में कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8 शून्य के बड़े अंतर से मात दे थी और कांस्य पदक अपने नाम कर लिया था.

Advertisement
X
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया (तस्वीर-PTI)
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया (तस्वीर-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 3 सप्ताह के लिए प्रैक्टिस से दूर थे बजरंग
  • चोटिल होने की वजह से अभ्यास प्रभावित
  • जख्मी होने के बाद भी पदक के लिए लड़े पुनिया

भारत के स्टार रेसलर बजरंग पुनिया ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. उन्हें गोल्ड मेडल का दावेदार माना जा रहा था. देश-दुनिया में नाम कमाने वाले स्टार रेसलर ने रविवार को कहा कि उनके घुटने में चोट लग गई थी, जिसके बाद मैट पर उनकी ट्रेनिंग 3 सप्ताह के लिए थम गई थी. जख्मी होने के बाद भी बजरंग पुनिया ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया. उनके सपोर्ट स्टाफ ने भी उन्हें फाइट करने से मना किया था. उनका कहना है कि इसी वजह से ओलंपिक की तैयारियां प्रभावित हुईं.

Advertisement

बजरंग पुनिया ने टोक्यो खेलों से पहले आखिरी रैंकिंग इवेंट पोलैंड ओपन को छोड़ दिया था. उन्होंने यह कहा था कि नंबर से ज्यादा ट्रेनिंग की जरूरत है. ट्रेनिंग के दौरान ही उनका दाहिना घुटना चोटिल हो गया. दरअसल 25 जून को एक टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में अंडर-23 यूरोपीय सिल्वर मेडलिस्ट विजेता, अब्दुलमाजिद  के खिलाफ लड़ते हुए, बजरंग ने एक पैंतरा अपनाया था, जिसमें वे चोटिल हो गए थे.

चोटिल घुटनों के साथ की मेडल की लड़ाई!

बजरंग पुनिया ने कहा, 'मैं चोट के बाद मुकाबले की स्थिति में नहीं था. ओलंपिक जैसे इवेंट से पहले एक दिन की ट्रेनिंग भी मिस करना भी ठीक नहीं था. मेरे कोच और साइको यह चाहते थे कि मैं टेप्ड घुटनों के साथ ही ब्रॉन्ज के लिए लड़ूं.'

Bajrang Punia Won Bronze: बजरंग पुनिया को पिता से विरासत में मिली कुश्ती, अब भारत के लिए जीता मेडल 

Advertisement

मेडल न मिला तो मेहनत हो जाएगी बेकार

बजरंग पुनिया ने कहा कि मैं ठीक नहीं फील कर रहा था. ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरे पांव बांध दिए हों. मैंने कहा था कि अगर मुझे चोट लग जाएगी तो मैं बाद में आराम कर लूंगा लेकिन अगर मैं मेडल नहीं जीतता हूं तो सभी काम बेकार हो जाएंगे.'

अपने चोट के दिनों को याद करते हुए ओलंपियन ने कहा कि डॉक्टर चाहते थे कि मैं इलाज के लिए रूस से भारत वापस आऊं, लेकिन मैंने उनसे कहा कि यह संभव नहीं है. यात्रा के दौरान कोरोना से संक्रमित होने का भी खतरा बना हुआ था.

ऐसे जीता ओलंपिक मेडल

टोक्यो ओलंपिक 2020 के सेमीफाइनल मुकाबला गंवाने वाले बजरंग पुनिया ने शनिवार को कुश्ती के 65 किलोग्राम भार वर्ग के मुकाबले में उन्होंने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8 शून्य के बड़े अंतर से मात दे दी. दरअसल नियाजबेकोव रेपचेज मुकाबला जीतकर इस मैच में उतरे थे. यह वही जीत है, जिसमें नियाजबेकोव से विश्व चैम्पियनशिप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी ले लिया था.

 

Advertisement
Advertisement