आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कणगम (एआईएडीएमके) ने दावा किया है कि पुरताची थलाईवी अम्मा यानी जयललिता के निधन के गम को बर्दाश्त न कर पाने के कारण तमिलनाडु में 597 लोगों की मौत हो गई है. पार्टी ने कहा है कि ऐसे सभी पीड़ित परिवारों में से प्रत्येक को 3 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. पार्टी के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर यह जानकारी दी गई है. उधर राज्य में सत्ता संघर्ष अब चरम पर जाता दिख रहा है. एआईएडीएमके के बहुत से नेताओं ने पार्टी की नेता शशिकला से मांग की है कि उन्हें जयललिता की विरासत संभाल लेनी चाहिए.
Total 597 people died, unable to bear death of Puratchi Thalaivi Amma, ₹3 lakh aid will be given to each families.
— AIADMK (@AIADMKOfficial) December 19, 2016
गौरतलब है कि करीब 74 दिन तक अपोलो अस्पताल में भर्ती रहने के बाद पांच दिसंबर की रात करीब 11.30 बजे जयललिता का निधन हो गया था. जयललिता 'अम्मा कैंटीन' के बेहद सस्ते भोजन, टीवी, मंगलसूत्र आदि बांटने जैसी योजनाओं की वजह से गरीबों के बीच काफी लोकप्रिय थीं. इसलिए उनके निधन के सदमे में राज्य के तमाम हिस्सों से कई लोगों की जान चले जाने की खबरें आ रही थीं. हालांकि मौतों की संख्या की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अब एआईएडीएमके ने अपने आधिकारिक एकाउंट पर ट्वीट कर यह आंकड़ा करीब छह सौ तक होने का दावा किया है.
AIADMK Party functionaries from various districts today urged Thirumathi.V.K.Sasikala to lead the party on the path shown by Honourable Amma pic.twitter.com/JnJkeHzQBz
— AIADMK (@AIADMKOfficial) December 18, 2016
जया की विरासत संभालें 'चिनम्मा'!
उधर एआईएडीएमके के बहुत से मंत्री और नेता अब यह मांग करने लगे हैं कि 'चिनम्मा' यानी शशिकला को जयललिता की विरासत संभाल लेना चाहिए. कहने का मतलब यह है कि उन्हें पार्टी के साथ ही सरकार का सर्वेसर्वा भी बन जाना चाहिए. कई मंत्रियों ने मांग की है कि शशिकला आरबी नगर विधान सभा सीट से उप चुनाव लड़ें और मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालें. यह सीट जयललिता के निधन से खाली हुई है. राज्य के राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार ने कहा कि शशिकला ही एआईएडीएमके की भविष्य हैं और उन्हें चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री बनना चाहिए. पार्टी के आधिकारिक एकाउंट पर दिए गए एक ट्वीट के अनुसार पार्टी की विभिन्न जिला ईकाइयों के नेताओं ने शशिकला से मिलकर यह मांग की है कि वे जयललिता के बताए रास्ते पर चलकर पार्टी की विरासत संभालें.