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ट्रेड यूनियनों ने की हड़ताल की घोषणा, कामकाज ठप होने की संभावना

कांग्रेस से सम्बद्ध इंटक सहित आठ प्रमुख श्रमिक संगठनों ने बढ़ती महंगाई, श्रम कानूनों के कथित उल्लंघन तथा सार्वजनिक कंपनियों के विनिवेश जैसे मुद्दों को लेकर आज देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की.

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कांग्रेस से सम्बद्ध इंटक सहित आठ प्रमुख श्रमिक संगठनों ने बढ़ती महंगाई, श्रम कानूनों के कथित उल्लंघन तथा सार्वजनिक कंपनियों के विनिवेश जैसे मुद्दों को लेकर आज देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की.

इंटक के अध्यक्ष तथा कांग्रेस सांसद जी संजीव रेड्डी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर सात सितंबर को देशव्यापी आम हड़ताल रखने का फैसला किया है.’ उन्होंने कहा कि यह हड़ताल खाद्य तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों सहित आम जनमानस से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर की जा रही है.

एटक के महासचिव गुरूदास दासगुप्ता ने कहा कि ‘भारत के इतिहास में पहली बार एटक, सीटू, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एआईसीसीटीयू, एयूटीयूसी तथा कर्मचारियों की अन्य विभिन्न फेडरेशन एक साथ हड़ताल में शामिल होंगी.’

भारतीय मजदूर संघ आधिकारिक रूप से हड़ताल में शामिल नहीं हुआ है लेकिन उन्होंने कहा कि ‘उसने आम हड़ताल का विरोध नहीं किया है.’ रेड्डी ने कहा, ‘कोयला, बिजली, बैंक, बीमा, दूरसंचार, बंदरगाह, सड़क परिवहन, पेट्रोलियम तथा निर्माण आदि क्षेत्रों से लगभग छह करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे.’ उन्होंने दावा किया कि रेलवे कर्मचारी भी हड़ताल के समर्थन में हैं लेकिन वे हड़ताल में शामिल नहीं होंगे.’

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यात्रियों को होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे को हड़ताल से अलग कर दिया गया है.

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