स्पेक्ट्रम कॉस्ट में 12 से 15 फीसदी का इजाफा होने की वजह से देश में मोबाइल फोन ग्राहकों की जेब पर इसका असर पड़ सकता है. TRAI का मानना है कि स्पेक्ट्रम कॉस्ट में बढ़ोतरी की वजह से कॉल रेट्स महंगी हो जाएगी. TRAI ने सरकार के उस दावे को भी खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि इस बढ़ोतरी की वजह से कॉल रेट्स में 1.3 पैसे प्रति मिनट का ही इजाफा होगा.
TRAI के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने बताया कि स्पेक्ट्रम कॉस्ट में बढ़ोतरी के बाद देश की टेलिकॉम कंपनियां इसका बोझ अपने यूजर्स पर डालेंगी. खुल्लर के मुताबिक इसकी वजह से कॉल रेट में कम से कम 6 से 7 पैसे प्रति कॉल का इजाफा हो सकता है. जबकि सरकार ने सिर्फ 1.3 पैसे प्रति मिनट इजाफे की बात कही थी.
25 मार्च को खत्म हुए स्पेक्ट्रम ऑक्शन के बाद TRAI के चेयरमैन ने ऐसी आशंका जताई है. राहुल खुल्लर ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने ऐसे हालात पैदा कर दिए जिसकी वजह से टेलिकॉम कंपनियों को अधिक बोली लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा. हाल ही में हुए ऑक्शन में वोडाफोन, आइडिया, एयरटेल और रिलायंस ने बोली लगाई थी क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो कुथ सर्किल्स में उनकी सेवाएं बाधित हो सकती थीं.