अगर आप रेल टिकटों की कीमतें बढ़ने या घटने के लिए बजट का इंतजार करते हैं तो वह दिन अब बीत चुके. अब यह कभी भी हो सकता है, क्योंकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेल टैरिफ अथॉरिटी (आरटीए) को इसे कभी भी घटाने या बढ़ाने की शक्तियां दे दी हैं.
सोमवार को मंत्रिमंडल ने आरटीए से संबंधित इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अब आरटीए को रेल किराया बढ़ाने संबंधी सिफारिश करने का अधिकार तो होगा ही, साथ ही उसकी सिफारिशें सामान्य परिस्थितियों में रेलवे बोर्ड को स्वीकार करनी ही होगी.
प्रस्ताव के मुताबिक, अगर रेलवे को लगता है कि आरटीए बहुत कठोर सिफारिश कर रहा है तो ही वह उस सिफारिश को ठुकरा सकता है. लेकिन सिफारिश पर फिर से विचार करना होगा.
रेल किराया और माल भाड़ा की दर तय करने के लिए आरटीए पहली गैर रेल विभागीय संस्था होगी. सरकार इसे शक्ति प्रदान करने के लिए कानून में संशोधन करने का भी विचार रखती है. गौरतलब है कि इस समय सिर्फ रेलवे बोर्ड को रेल किराया और माल भाड़ा की दर तय करने का अधिकार है.
नए अध्यक्ष और सदस्यों की तलाश शुरू
शक्तियां मिलने के साथ ही आरटीए के अध्यक्ष और चार सदस्यों की तलाश भी शुरू हो गई है. इसके दो सदस्य रेलवे के पूर्व अधिकारी होंगे.
दीगर है कि सही रेल किराया न होने के कारण रेलवे का घाटा बढ़ते-बढ़ते 25,000 करोड़ रुपये तक चला गया है. ऐसे में स्पष्ट है कि मंत्रिमंडल के फैसल के बाद अब आरटीए जल्द ही किराया बढ़ाने को लेकर कदम उठाएगा.