शिक्षा के अधिकार के तहत प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के लिए मिड डे मील पकाने वाले रसोइयों को पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा. सोमवार को शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के पहले दिन संसद में ये बातें बताई गईं.
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर ने राज्यसभा को दिए अपने लिखित जवाब में कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पर्यटन मंत्रालय से मिड डे मील पकाने वाले चुनिंदा रसोइयों को 10 दिन का प्रशिक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया है.
थरूर ने कहा, 'प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, तथा 30 रसोइयों के एक समूह को दो संस्थानों, होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट एवं फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट, में प्रशिक्षित किया जाएगा.'
थरूर ने आगे कहा, 'राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक अधिकारियों से प्रशिक्षण के लिए रसोइयों को नामांकित करने के लिए कह दिया गया है.'
थरूर ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान रसोइयों को बताया जाएगा कि खाद्य सामग्री के पोषक तत्वों को बिना नष्ट किए कैसे भोजन पकाया जाए. इसके साथ-साथ उन्हें लगातार अपने हाथों को स्वच्छ रखने, स्वास्थ्य एवं सफाई के महत्व को भी समझाया जाएगा.
सरकार द्वारा यह कदम पिछले महीने बिहार में हुई त्रासदी के बाद उठाया गया है. इस त्रासदी में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी.