तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित विचार पर भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में संसदीय चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराने की बात कही.
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह विचार अव्यावहारिक और संविधान के खिलाफ है. उन्होंने प्रधानमंत्री को पहले बीजेपी शासित राज्यों जैसे गुजरात, असम व उत्तर प्रदेश में एक साथ लोकसभा व विधानसभा चुनाव कराने की चुनौती दी.
कल्याण बनर्जी ने जानना चाहा कि क्यों प्रधानमंत्री मोदी बार-बार एक ऐसे विषय के बारे में बात कर रहे हैं जो संसदीय समिति के पास परीक्षण के लिए है. उन्होंने इसका उल्लेख राष्ट्रपति के अभिभाषण में करने के लिए भी सरकार की निंदा की.
उन्होंने कहा, "क्यों एक साथ चुनाव कराने के लिए हम पर जोर दिया जा रहा है, जब यह विषय स्थायी समिति के पास जांच के लिए है. कैसे प्रधानमंत्री इस विषय पर हर जगह बात कर रहे हैं." उन्होंने अपने बात के समर्थन में एक काल्पनिक स्थिति का हवाला दिया, जिसमें गठबंधन की सरकार साल भर बाद गिर जाती है.
संविधान के बुनियादी ढांचे को नुकसान
उन्होंने कहा, "मान लीजिए 2019 में सभी चुनाव साथ कराए गए और सत्तारूढ़ दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ. यदि एक साल बाद सरकार से दूसरी पार्टियों ने समर्थन वापस लिया और सरकार गिर गई तो क्या सभी राज्यों में फिर चुनाव कराए जाएंगे?" तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह कदम संविधान के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा.
पहले बीजेपी शासित राज्यों में हो चुनाव
उन्होंने कहा कि जब स्थायी समिति मामले को देख रही है तो उस पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए. इसे कैसे राष्ट्रपति के अभिभाषण का हिस्सा बनाया गया? पहले सभी बीजेपी शासित राज्यों में चुनाव कराने दें. उन्हें (मोदी) ऐसा करने दें. एक साथ चुनाव कराने की भावना को दिखाने दीजिए. परोपकार घर से शुरू होता है.