रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आज साफ कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस संप्रग सरकार के पूरे कार्यकाल में गठबंधन की ‘विश्वसनीय’ घटक बनी रहेगी, वहीं उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिये कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में यह कहते हुए कि ‘कोई विकल्प बंद नही है ‘फिलहाल कुछ भी विस्तार से बताने से इनकार किया.
ममता ने नगरीय निकाय के चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को मिली जीत के बाद कहा, ‘‘आज जो हो रहा है मैं उसी बारे में बात करूंगी. मैं भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहूंगी. जब सभी हमें छोड़कर चले गये तब हम जनता के पास गये और उन्होंने हमें समर्थन दिया. जब भविष्य में अवसर आयेगा, तब मैं कहूंगी. कुछ भी खत्म नहीं है.’’ तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर पश्चिम बंगाल में नगरीय निकायों का चुनाव लड़ा था.
ममता ने कहा, ‘‘जब संप्रग-2 सरकार बनी तो हमने बतौर घटक दल पांच वर्ष तक साथ रहने की प्रतिबद्धता जतायी थी. हम तब तक बने रहेंगे जब तक हमें बाहर नहीं कर दिया जाये.’’ बहरहाल, उन्होंने कहा, ‘‘जो यह कह रहे हैं कि हम पर विश्वास नहीं किया जा सकता, उन्हें यह समझना चाहिये कि हम दूसरों के मुकाबले कहीं ज्यादा भरोसेमंद हैं. हमारी और दूसरों की प्रतिबद्धता के बीच तुलना नहीं हो सकती.’’{mospagebreak}
ममता ने कहा कि संप्रग.प्रथम की सरकार में परमाणु करार के मुद्दे पर अलग होने से पहले तक वाम दल मुख्य घटक थे. लेकिन उनकी तृणमूल कांग्रेस संप्रग-2 के साथ तब तक बनी रहेगी जब तक माकपा गठबंधन में नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘अगर माकपा के साथ रिश्ते होते हैं तो हम (गठबंधन में) नहीं रह सकते. जिस तरह द्रमुक और अन्नाद्रमुक एकसाथ नहीं रह सकते, उसी तरह हम माकपा के सह.अस्तित्व में नहीं सकते.’’
संप्रग के साथ अपने संबंधों के बारे में रेल मंत्री ने कहा कि ‘हम जिस तरह उनसे स्नेह रखते हैं और उनका सम्मान करते हैं’ उसकी पारस्परिक प्रतिक्रिया भी होनी चाहिये. हम भी पारस्परिक आदान प्रदान चाहते हैं. हम इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहते.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘एक अच्छा व्यक्ति और भद्रजन’ करार देते हुए ममता ने कहा, ‘‘हमें उनका आशीर्वाद और समर्थन मिला है. वह अच्छे प्रशासक हैं. क्या चल रहा है, इसकी उनके पास जानकारी होती है.’’{mospagebreak}
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के यह कहने पर कि नगरीय निकाय के चुनावों में पार्टी की कीमत पर गठबंधन नहीं हो सकता था, ममता ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करती हूं. मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी. कोई भी कुछ भी टिप्पणी कर सकता है. यह उनका विशेषाधिकार और उनकी पसंद है.’’
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के एक वर्ग ने सुझाव रखा है कि नगरीय निकाय के चुनाव नतीजों के चलते तृणमूल कांग्रेस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल के साथ सम्मानजनक शर्तों पर सीटों पर तालमेल हो सकता है. इस सुझाव पर ममता ने कहा, ‘‘उन्होंने जनादेश देखा है. जनादेश अपने आप में प्रदर्शन के बारे में कहता है.’’
माकपा के पोलित ब्यूरो के सदस्य विमान बोस के इस वक्तव्य पर कि मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य पद से नहीं हटेंगे और विधानसभा चुनाव जल्द कराने का कोई सवाल ही नहीं उठता है, रेल मंत्री ने कहा, ‘‘हम जल्द चुनाव कराने के पक्ष में हैं.’’ उनसे जब माकपा के इस वक्तव्य के बारे में पूछा गया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में चुनाव बाद की हिंसा को नियंत्रित करने के लिये नयी दिल्ली में माकपा पोलित ब्यूरो की बैठक में भाग नहीं लिया, तो तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘अगर हिंसा होनी थी तो वह 72 घंटे के भीतर भड़क जाती.’’{mospagebreak}
ममता ने कहा, ‘‘चुनाव बाद कोई हिंसा नहीं हुई और इसका श्रेय हमें जाना चाहिये क्योंकि हमने हमारे कार्यकर्ताओं से संयम बरतने के लिये विजयी जुलूस नहीं निकालने को कहा था. हिंसा का हौआ बनाकर सत्तारूढ़ पार्टी ही हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है.’’ माकपा के इस आरोप पर कि तृणमूल कांग्रेस के माओवादियों के साथ संबंध हैं, रेल मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे कितनी बार एक ही सवाल का जवाब देना होगा? मैं इस बारे में पहले कई बार जवाब दे चुकी हूं.’’ तृणमूल कांग्रेस इस आरोप का खंडन कर चुकी है.