रतन टाटा के खुले पत्र पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. पार्टी ने इस मसले पर रतन टाटा से बिना शर्त माफी मांगने या कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है.
मामले ने तब तूल पकड़ लिया, जब सिंगूर से नैनो की वापसी के लिए ममता बनर्जी पर आरोप लगाने के बाद रतन टाटा ने पश्चिम बंगाल की जनता के नाम खुला पत्र लिखा डाला. टाटा ने जनता से कहा है कि वे बुद्धदेव भट्टाचार्य की सरकार और विनाशकारी राजनीतिक माहौल में से एक को चुनें.
पश्चिम बंगाल में विपक्षी तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और सत्तारूढ वाममोर्चा के एक घटक ने रतन टाटा की उनके खुले पत्र के लिए आलोचना की है. टाटा ने इस पत्र में लोगों से राज्य सरकार का समर्थन करने को कहा था. इन पार्टियों ने रतन टाटा के खुले पत्र को राजनीति से प्रेरित और अप्रत्याशित बताया.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगात राय ने कहा कि यह अप्रत्याशित है. मैंने इससे पहले किसी उद्योगपति के बारे में नहीं सुना, जिसने राज्य सरकार और उसके मुख्यमंत्री के पक्ष में और सीधे प्रमुख विपक्षी दल के विरोध में बयान दिया हो.
राय ने कहा कि ऐसा लग रहा है, जैसे लोकसभा चुनाव की पूर्वसंध्या पर बयान जारी किया गया है. मैं नहीं जानता कि रतन टाटा अपने आप को इस स्तर तक क्यों ले गए. उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी.