विपक्ष की कड़ी आपत्ति के बीच तीन तलाक बिल को लेकर संसद से ऐतिहासिक मंजूरी मिली है. लोकसभा के बाद तीन तलाक बिल राज्यसभा से भी पास हो गया. मंगलवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 बहस और पारित करने के लिए ऊपरी सदन में पेश किया था. विधेयक में मुस्लिम समुदाय में तत्काल तलाक देने के मामले में पुरुषों के लिए सजा का प्रावधान रखा गया है.
तीन तलाक बिल पास होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के ट्विटर हैंडल से शाम 7.25 बजे एक ट्वीट किया गया. इस ट्वीट में कार्टून शेयर करते हुए 'नो मोर तलाक-तलाक-तलाक' लिखा है. इस कार्टून में एक मुस्लिम महिला को उसका पति तीन तलाक देते नजर आ रहा है. इसके बाद महिला एक हथौड़ा लेकर पति के सिर पर मार रही है. हथौड़ा लेकर खड़ी महिला वाले कॉर्टून में मोदी-मोदी-मोदी लिखा है.
No more 'talaq-talaq-talaq'.#TripleTalaq pic.twitter.com/5gVt19EW05
— BJP (@BJP4India) July 30, 2019
सिलेक्ट कमेटी के पास भेजना का प्रस्ताव गिर गया
लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीन तलाक बिल पास हो गया. राज्यसभा में बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े. अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. वहीं, इससे पहले राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव वोटिंग के बाद गिर गया. प्रस्ताव के पक्ष में 84 और विपक्ष में 100 वोट पड़े थे. बिल का विरोध करने वाली कई पार्टियां वोटिंग के दौरान राज्यसभा से वॉकआउट कर गई थीं.
कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
वहीं, तीन तलाक का विरोध करने वाले दलों के राज्यसभा में वोटिंग के दौरान गैर मौजूद रहने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि पार्टी बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजना चाहती थी, जिसके लिए वोटिंग हुई. लेकिन इस दौरान तीन तलाक बिल का विरोध करने वाले कई दलों के सदस्य उच्च सदन से नदारद रहे. ऐसे में उनके इस विरोध का क्या मतलब है?