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राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए तीन तलाक बिल का विपक्ष कर रहा विरोधः रविशंकर प्रसाद

तीन तलाक का विरोध करने वाली विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने करारा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और ओवैसी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए तीन तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं. जबकि तीन तलाक बिल को लेकर जो आशंकाएं थीं, सरकार उन्हें दूर कर चुकी है.

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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Courtesy- ANI)
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Courtesy- ANI)

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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बीच तीसरी बार तीन तलाक बिल पेश कर दिया. जिसमें इंस्टैंट तीन तलाक देने वाले मुस्लिम शख्स को तीन साल की सजा का प्रावधान है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल का विरोध करने पर कांग्रेस पार्टी और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी समेत पूरे विपक्ष को जमकर लताड़ा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और ओवैसी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए तीन तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं. ये लोग जो सवाल उठा रहे हैं, वो उन मुस्लिम देशों में नहीं उठे, जहां पर तीन तलाक प्रतिबंधित है.

जब केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से पूछा गया कि कांग्रेस पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी का सवाल है कि आखिर मोदी सरकार सिर्फ मुस्लिम पुरुषों को ही क्यों टारगेट कर ही है? मोदी सरकार यूनिवर्सल बिल क्यों नहीं ला रही है? इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी वोट बैंक के लिए तीन तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं. 22 इस्लामिक मुल्कों में तीन तलाक प्रतिबंधित हो गया है, लेकिन वहां ऐसे सवाल नहीं उठे, जैसे सवाल कांग्रेस पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी उठा रहे हैं.

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आजतक से खास बाचीत में उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी कांग्रेस पार्टी का रंग, अहंकार और वोट बैंक की चाहत नहीं बदली है. लोकसभा चुनाव में पटना साहिब की मुस्लिम महिलाओं ने मुझे वोट दिया था. मुस्लिम महिलाओं को वोट नहीं देने दिया जा रहा है. इनको पता है कि मुस्लिम महिलाएं पीएम मोदी को वोट देती हैं. उन्होंने सवाल किया कि आजादी के इतने बरस बाद भी क्या तीन तलाक कहकर मुस्लिम बेटियों को छोड़ने और घर से बाहर निकालने की इजाजत दी जानी चाहिए?'

इस बिल को लेकर जो आशंकाएं थी, उन्हें हमने दूर किया है. तीन तलाक बिल में संशोधन किया है. इसमें प्रावधान किया गया है कि मस्जिट्रेट पीड़ित मुस्लिम महिला को सुनने के बाद उसके पति को जमानत दे सकेगा. इसके अलावा मुस्लिम महिला और उनके बच्चों का गुजारा भत्ता तय करने का अधिकार भी मजिस्ट्रेट को दिया गया है.

उन्होंने सवाल दागा कि जब हमने तीन तलाक बिल को लेकर सारी आशंकाएं दूर कर दी है, तो आखिर अब कांग्रेस पार्टी इसका विरोध क्यों कर रही है? जब दहेज प्रथा कानून और भारतीय दंड संहिता हिंदू और मुस्लिम दोनों पर एक सामान लागू होते हैं, तो उस पर सवाल नहीं उठाए जाते हैं. ऐसे में सिर्फ तीन तलाक बिल पर ही क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं? कांग्रेस पार्टी का मकसद देश की मुस्लिम बेटियों की मुक्ति के कानून को रोकना है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की खामोशी पर भी सवाल उठाए.

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ओवैसी द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक बिल सिर्फ मुस्लिमों के लिए इसलिए है, क्योंकि मुस्लिम ही तीन तलाक देते हैं. तीन तलाक न हिंदू देते हैं और न ईसाई और न ही पारसी. उन्होंने कहा कि ओवैसी चाहते हैं कि मुस्लिम समाज संकीर्णता की गलियों में भटकता रहे और ये अपनी रोटियां सेंकते रहें. शायरा बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि तीन तलाक महिलाओं के मूल अधिकारों के खिलाफ है.

दो बार पहले भी तीन तलाक बिल पेश कर चुकी है मोदी सरकार

मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में लोकसभा में दो बार तीन तलाक बिल पेश कर चुकी थी, लेकिन लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में अटका हुआ था. इसलिए अब दोबारा सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के विरोध के बीच 74 के मुकाबले 186 वोटों से ये बिल पेश कर दिया. लोकसभा में पहले ही तीन तलाक बिल पास हो चुका था, लेकिन दोबारा नया बिल इसलिए लाना पड़ा, क्योंकि संसदीय नियमों के मुताबिक जो भी बिल जिस लोकसभा में पेश किए जाते हैं. उस लोकसभा के भंग होने की स्थिति में खुद ही खत्म हो जाते हैं.

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तीन तलाक बिल के साथ भी यही हुआ. इसी वजह से मोदी सरकार को दोबारा नए सिरे से नया तीन तलाक बिल लाना पड़ा है, जिसको लेकर अब नए सिरे से राजनीति भी शुरू हो गई है. गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश होने से पहले असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को बकवास करार दिया और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए, जिसके बचाव में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिए. उन्होंने कहा कि ये बिल नारी की गरिमा और न्याय का सवाल है.

इस दौरान कांग्रेस ने भी तीन तलाक बिल पर आपत्ति जताई, तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने भी बिल पर सवाल उठाए. सपा नेता आजम खान ने कहा कि मोदी सरकार तीन तलाक बिल में उलझाकर देश का ध्यान भटकाना चाहती है. इस दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फिर अपना वही पुराना राग अलापा और कहा कि मुस्लिम महिलाओं को फायदा नहीं होगा.

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