सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है. पीठ के इस फैसले से एक साथ तीन तलाक की प्रथा खत्म हो गई है. कोर्ट ने सरकार को इस पर 6 महीने के अंदर कानून बनाने को कहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. पीएम ने ट्वीट किया कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तीन तलाक पर दिया गया फैसला ऐतिहासिक है. इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं से बराबरी का हक मिलेगा, महिला सशक्तिकरण की ओर यह एक बड़ा कदम है.
शाह ने भी किया स्वागतJudgment of the Hon'ble SC on Triple Talaq is historic. It grants equality to Muslim women and is a powerful measure for women empowerment.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 22, 2017
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. शाह ने बयान जारी कर कहा कि कोर्ट का फैसला मुस्लिम महिलाओं के लिए नए युग की शुरुआत है. शाह ने कहा कि यह फैसला न्यू इंडिया की ओर बढ़ता हुआ एक कदम है.
पढ़ें शाह का पूरा बयान.तीन तलाक पर सुप्रीमकोर्ट का निर्णय- मुस्लिम महिलाओं के लिए स्वाभिमान पूर्ण एवं समानता के एक नए युग की शुरुआत। pic.twitter.com/NDMcZsKJUw
— Amit Shah (@AmitShah) August 22, 2017
मुस्लिम देशों में भी नहीं है अस्तित्व
शाह ने अपने बयान में कहा कि यह फैसला किसी की हार या जीत नहीं है, बल्कि समानता के अधिकार की नई शुरुआत है. शाह ने मोदी सरकार द्वारा कोर्ट में रखे गए अपने पक्ष की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि कई मुस्लिम देशों में भी तीन तलाक का अस्तित्व नहीं है.
मेनका गांधी ने भी किया स्वागत
केंद्रीय महिला विकास एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा कदम है, बहुत सालों से औरतें पीड़ित थीं. उन्होंने कहा कि कोई भी नहीं चाहेगा कि उनके आधे लोग पीड़ित हो. कोई भी धर्म और सामाजिक सिस्टम नहीं चाहेगा कि उनकी आधे लोग पीड़ित हो. मेनका गांधी ने कहा कि सरकार इस पर जरूर कानून बनाएगी, जल्द कानून में बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. संविधान में सभी के लिए समान अधिकार हैं.
केंद्रीय मंत्री बोलीं कि यह छोटा कदम है लेकिन एक अच्छा कदम, हम लोगों को बहुत दूर जाना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने महिलाओं के हित के लिए बड़े कदम उठाएं, उनका हित चाहा है महिलाओं का. कुछ लोगों के विरोध पर मेनका गांधी का कहना है कि परंपराए जो है पत्थर की लकीर तो नहीं है. जैसे-जैसे जमाना बदलता है, वैसे-वैसे सब को बदलना पड़ेगा.