सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए तीन तलाक को खत्म कर दिया है. 5 जजों की बेंच ने कोर्ट का फैसला खत्म करते हुए, केंद्र सरकार को 6 महीने के अंदर इसपर कानून बनाने को कहा है. भारत से पहले दुनिया में ऐसे 22 देश हैं जहां पर तीन तलाक बैन है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी 3 तलाक पर बैन लगा हुआ है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान में तीन तलाक पर 1961 में ही पाबंदी लग गई थी. पाकिस्तान में मुस्लिम फैमिली लॉ ऑर्डिनेंस के तहत इस कानून को खत्म किया था. पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश, सीरिया सहित कई मुस्लिम देश भी हैं.
मिस्र दुनिया का पहला ऐसा देश था जहां तीन तलाक को पहली बार बैन किया गया था. साल 1929 में मुस्लिम जजों की खंडपीठ ने सर्वसम्मति से तीन तलाक को असंवैधानिक करार दे दिया था.
साल 1929 में ही मिस्र को देखते हुए सूडान की अदालत ने अपने देश में तीन तलाक को बैन कर दिया. इन सभी देशों के अलावा साइप्रस, जॉर्डन, अल्जीरिया, इरान, ब्रुनेई, मोरक्को, कतर और यूएई में भी तीन तलाक पर बैन है.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर अपना फैसला सुनाते हुए ये 5 बड़ी बातें कहीं..
1. मुस्लिमों में तीन तलाक के जरिए तलाक देने की प्रथा गैरकानूनी और असंवैधानिक है.
2. 5 में से 3 जजों ने कहा कि ट्रिपल तलाक जैसी कोई भी प्रथा मान्य नहीं है जो कुरान के मुताबिक न हो.
3. 3 जजों का यह भी कहना था कि ट्रिपल तलाक के जरिए तलाक देना एक तरह से मनमानी है, यह संविधान का उल्लंघन है इसे खत्म किया जाना चाहिए.
4. वहीं दो जजों ने कहा कि अगर केंद्र सरकार अगले 6 महीने में इसको लेकर कानून नहीं बनाया तो इस पर बैन जारी रहेगा.
5. देश की सर्वोच्च अदालत ने सभी राजनीतिक पार्टियों को कहा कि कानून बनाने के लिए अपने मतभेदों को किनारे रखते हुए केंद्र सरकार की मदद करें. मुख्य न्यायधीश जे.एस. खेहर और जस्टिस नजीर ने अपने फैसले में विचार व्यक्त किया कि केंद्र जो भी कानून बनाए उसमें मुस्लिम लॉ और शरियत की चिंताओं को भी शामिल किया जाए.