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तीन तलाक हुआ बैन लेकिन साफ नहीं है इसके आगे की राह

तीन तलाक असंवैधानिक होने के बाद अब सवाल यह है कि इसके आगे क्या होगा, इसका फायदा कैसे मिलेगा, औरतों को हक कैसे हासिल होंगे, क्या पुरुषों के अत्याचार कम होंगे? दरअसल इन सवालों के जवाब में कुछ साफ नहीं हैं.

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तीन तलाक अब भारत में इतिहास बन चुका है
तीन तलाक अब भारत में इतिहास बन चुका है

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तीन तलाक अब भारत में इतिहास बन चुका है. ये एक ऐसी क्रांति है जिसका इंतजार मुस्लिम औरतें सैकड़ों साल से कर रही थीं. एक लंबे विवाद और अदालती सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज बहुमत से फैसला सुनाया कि इस परंपरा को और जारी नहीं रहने दिया जा सकता.

तीन तलाक असंवैधानिक होने के बाद अब सवाल यह है कि इसके आगे क्या होगा, इसका फायदा कैसे मिलेगा, औरतों को हक कैसे हासिल होंगे, क्या पुरुषों के अत्याचार कम होंगे? दरअसल इन सवालों के जवाब में कुछ साफ नहीं है. एक राय यह है कि अदालत के फैसले को आगे बढ़ाने के लिए कानून बनाना होगा. चूंकि यह भी कहा जा रहा है कि यह कानून छह महीनों में बनाने की कोशिश होगी.

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हालांकि कानून के जानकारों की एक जमात ये भी कहती है कि अदालत का फैसला अपने आप मे काफी है और तीन तलाक पर पाबंदी लगाने में संसद का कोई काम नहीं हैं. लेकिन अदालत के फैसले में ये नहीं कहा गया है कि तीन तलाक की सूरत में सजा कैसे मिलेगी और अपील कहां होगी.

अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को काठ मार गया है. जबकि सबकुछ साफ हो चुका है वो तीन तलाक को लेकर पूरी तरह हथियार डालने को तैयार नहीं है. बोर्ड ने 10 सितंबर को बैठक बुलाई है. हालांकि उसने कौम के मर्दों के नाम अपील जारी की है कि आप अदालत के हुक्म की तामील कीजिए. मतलब तीन तलाक से तौबा कीजिए.

 

 

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