त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद राज्य में कई जगह सीपीआई(एम) की दफ्तरों में तोड़फोड़ की खबर आ रही है. आरोप बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर लगाया जा रहा है. आपको बता दें कि त्रिपुरा में बीजेपी की शानदार जीत के बाद वामपंथी ताकतें केरल तक सिमट कर रह गई हैं.
बीजेपी ने त्रिपुरा में 25 सालों से जारी वाम शासन को उखाड़ फेंका है. बीजेपी का पूरे त्रिपुरा में एक विधायक भी नहीं था और उसने 2013 के चुनाव में दो प्रतिशत से भी कम वोट हासिल किया था. वहीं जीत के बाद से ही बिशालगढ़, मोहनपुर, अमरेंद्रनगर, सबरूम, मेलागढ़, खोवाइर्, जीरानिया, खोमलुंग, बेलोनिया, रामनगर(अगरतला) और साउथ रामनगर(अगरतला) में तोड़फोड़ और मारपीट की घटनाएं हुई हैं.
सीपीआई(एम) सांसद शंकर प्रसाद दत्ता ने इंडिया टुडे को बताया कि उनके कैडरों पर हमले किए जा रहे हैं. उनके घरों और दफ्तरों में तोड़फोड़ की जा रही है. साथ ही उनके साथ राज्य में कई जगहों पर काफी मारपीट हो रही है. यह काफी चिंता का विषय है.
आपको बता दें कि त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं सहयोगी आईपीएफटी की झोली में 8 सीटें आई हैं. माणिक सरकार के नेतृत्व में वाम मोर्चे को केवल 16 सीटें मिली हैं. साथ ही पूर्वोत्तर के बाकी दोनों राज्यों- मेघालय और नगालैंड में हुए चुनावों के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी इन राज्यों में भी सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने जा रही है. ऐसे में बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ जल्द ही 21 राज्यों में सरकार में होगी.