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अब CM बिप्लब देब बोले- टैगोर ने अंग्रेजों के विरोध में लौटाया था नोबेल पुरस्कार

बिप्लब यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियावाला बाग नरसंहार के विरोध में ब्रिटिश राज द्वारा दिए गए नाइटहुड के खिताब को भी लौटा दिया था. जबकि इतिहास में झांक कर देखें तो पाएंगे कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि, उपन्‍यासकार, नाटककार, चित्रकार, और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियावाला बाग हत्याकांड के विरोध में नाइटहुट की उपाधि को तो लौटाया था, लेकिन स्वीडिश अकादमी द्वारा दिए गए नोबेल पुरस्कार को नहीं लौटाया था.

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बिप्लब कुमार देब
बिप्लब कुमार देब

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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब एक बार फिर अपने ही बयान को लेकर चर्चा में हैं. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर बिप्लब ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि टैगोर ने अंग्रेजों के खिलाफ अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था.

बिप्लब यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियावाला बाग नरसंहार के विरोध में ब्रिटिश राज द्वारा दिए गए नाइटहुड के खिताब को भी लौटा दिया था. जबकि इतिहास में झांक कर देखें तो पाएंगे कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि, उपन्‍यासकार, नाटककार, चित्रकार, और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियावाला बाग हत्याकांड के विरोध में नाइटहुट की उपाधि को तो लौटाया था, लेकिन स्वीडिश अकादमी द्वारा दिए गए नोबल पुरस्कार को नहीं लौटाया था.

बिप्लब  देब मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. हाल ही में उन्होंने महाभारत काल में इंटरनेट होने की बात कही थी. वहीं, युवाओं को सरकारी नौकरी के पीछे भागने के बजाय पान की दुकान खोलने की सलाह देकर सुर्खियों में आए थे. आइए जानते हैं बिल्पब देव के अभी तक के दिए गए बयानों के बारे में...

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1. महाभारत काल में थे इंटरनेट और सैटेलाइट

बिप्लब कुमार देब ने इंटरनेट को लेकर चौंकाने वाली नई साइंटिफिक थ्योरी देते हुए दावा किया कि इंटरनेट महाभारत के दौर में भी था और तब इसका इस्तेमाल किया जाता था. युवा मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने यह बयान एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान गुवाहाटी में दिया था. उन्होंने इस दौरान कहा, ''भारत युगों से इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है. महाभारत में संजय ने नेत्रहीन होते हुए भी धृतराष्ट्र को युद्ध के मैदान का हाल सुनाया था. जो इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की वजह से ही हुआ.'' भारत को डिजिटल की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने यह भी दावा किया कि महाभारत युग में सैटलाइट भी मौजूद थे.

2. डायना हेडेन की खूबसूरती नहीं आई समझ

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने डायना हेडन को 1997 में मिस वर्ल्ड खिताब जीतने पर सवाल उठाया और अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं को छलावा बताया था. देब ने कहा था, ‘‘जिसने भी अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया, वो जीतकर लौटा. लगातार पांच वर्षों तक हमने मिस वर्ल्ड/मिस यूनिवर्स के ताज जीते. डायना हेडन भी जीत गईं. क्या आपको लगता है कि उन्हें ताज जीतना चाहिए था?’’

इसके उलट उन्होंने ऐश्वर्या की तारीफ करते हुए कहा था,''हम महिला को देवी लक्ष्मी और सरस्वती के रूप में देखते हैं. ऐश्वर्या मिस वर्ल्‍ड बनीं तो ठीक है. वो सही मायने में भारतीय महिलाओं की नुमाइंदगी करती हैं, लेकिन मैं डायना हेडेन की खूबसूरती नहीं समझ पा रहा हूं.'' इस पर उनकी जमकर निंदा हुई. डायना हेडेन ने भी बिप्लब पर पलटवार किया.

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3. पान की दुकान खोल लें नौजवान

बिप्लब देब ने अगरतला में अपने सूबे के नौजवानों को सलाह देते हुए कहा कि वो नौकरी के लिए नेताओं के पीछे न दौड़ें, बल्कि अपना खुद का काम शुरू करें. उन्होंने कहा, ''नौजवान सरकारी नौकरी पाने के लिए सालों तक पार्टियों के पीछे भागते रहते हैं और अपने जीवन का कीमती वक्त खराब करते हैं. अगर यही युवा पार्टियों के पीछे भागने के बजाय अपनी पान की दुकान शुरू करता, तो उसके खाते में पांच लाख रुपये जमा हो चुके होते.'' इस पर उनकी जमकर आलोचना हुई.

4. ग्रेजुएट करने के बाद गाय पाल लें नौजवान

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में 'पशु चिकित्सा पेशे की जीवन सुधार में भूमिका' विषय पर आधारित एक कार्यक्रम में बोलते हुए बिप्लब कुमार देब ने नौजवानों को ऐसी सलाह दी कि सभी दंग रह गए. उन्होंने कहा, ''हर घर में एक गाय होनी चाहिए. यहां दूध 50 रुपये लीटर है. कोई ग्रेजुएट है और नौकरी के लिए 10 साल से घूम रहा है. अगर वह गाय पाल लेता, तो अपने आप उसके बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपये जमा हो गए होते.'' उन्होंने यह भी कहा कि यह धारणा है कि ग्रेजुएट खेती-किसानी नहीं कर सकते, मुर्गी पालन नहीं कर सकते या सुअर पालन नहीं करते, क्योंकि इससे उनका रुतबा गिर जाएगा. हालांकि गाय पाल सकते हैं.

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5. सिविल इंजिनियर करें सिविल सर्विसेज ज्वाइन

बीजेपी नेता बिप्लब कुमार देब ने सिविल सर्विस की तैयारी करने वालों को अजीबोगरीब सलाह दी, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई. उन्होंने कहा, ‘‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले लोगों को सिविल सर्विसेज का चयन नहीं करना चाहिए. मैकेनिकल के बजाय सिविल इंजिनियरों को सिविल सर्विसेज ज्वाइन करनी चाहिए, क्योंकि उनके पास प्रबंधन निर्माण और समाज से जुड़ी ज्यादा जानकारी और अनुभव होता है. उन्होंने कहा कि पहले कला स्नातक करने वाले ही सिविल सर्विसेज की परीक्षा में बैठते थे और अब मेडिकल और इंजीनियरिंग करने वाले भी सिविल सर्विस में आ रहे हैं. इस बयान को लेकर उनकी जमकर खिंचाई हुई थी.

6. दिमाग की जांच कराएं ममता बनर्जी

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब लगातार विवादित बयान दे रहे हैं. इससे पहले बिप्लव कुमार देब ने पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को दिमाग की जांच कराने की सलाह दी. उनका कहना था कि 'ममता बनर्जी को पहले मंदिर जाना चाहिए. फिर किसी अस्पताल में दिमाग की जांच करानी चाहिए.' बता दें, बिप्‍लब देव ने ये बयान ममता बनर्जी के उस बयान के बाद दिया है जिसमें ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में बीजेपी की जीत को नगरपालिका चुनावों में जीत जैसा बताया था.

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7. नाखून लगाया तो उखाड़ दिया जाएगा

त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब के बिगड़े बोल बंद नहीं हुए. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता, नाखून भी नहीं लगा सकता, जो नाखून लगाएगा उसका नाखून काट दिया जाएगा. बिप्लब देब एक मंच से अपनी सरकार के प्रति अपेक्षाएं जाहिर करते समय यह बयान दिया. बिप्लब देब ने कहा, ''मेरी सरकार में ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई उसमें अंगुली मार दे, नाखून लगा दे. जिन्होंने नाखून लगाया, उसका नाखून काट लेना चाहिए.'' इस बयान को लेकर भी उनकी तीखी आलोचना हो रही है.

8. गौतम बुद्ध ने दुनिया में पैदल यात्रा की और दिया शांति का संदेश

बिप्लब देब ने कहा कि गौतम बुद्ध ने भारत, बर्मा, जापान, तिब्बत और अन्य देशों की पैदल यात्रा की थी. हालांकि इतिहासकारों ने बिप्लब देब के इस बयान से असहमति जताई है. उन्होंने कहा, ''यहां हम बुद्ध जयंती मना रहे हैं. गौतम बुद्ध ने शांति और एकता का संदेश दिया. इसके लिए उन्होंने पूरे भारत, बर्मा (म्यांमार), जापान, तिब्बत और अन्य देशों की पैदल यात्रा की. भारत भूमि ही ऐसी है, जहां एक राजा बौद्ध भिक्षु बन जाता है और पूरी दुनिया को शांति का संदेश देता है.'' वहीं, इतिहासकारों ने बिप्लब कुमार देब के बयान से असहमति जताई है. साथ ही आशंका जाहिर की है कि जितना बिप्लब देब बता रहे हैं, उतनी गौतम बुद्ध ने यात्रा की भी है या नहीं?

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