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त्रिपुरा: धानपुर से लगातार 5वीं बार जीते माणिक सरकार

वहीं काफी देर तक काउंटिंग के बाद माणिक सरकार को 5142 वोटों से जीत हासिल हुई. माणिक सरकार धानपुर सीट से चुनाव मैदान में खड़े हुए थे. काउंटिंग की शुरुआत में माणिक सरकार अपने विरोधी पार्टी के उम्मीदवार से पीछे चल रहे थे.

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माणिक सरकार
माणिक सरकार

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पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों की तस्वीर अब साफ हो गई है. त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी ने वाम मोर्चे के 25 साल के किले को ध्वस्त कर दिया है. त्रिपुरा की 59 सीटों के नतीजे शनिवार को आ गए. त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 25 साल से सत्ता में काबिज सीपीआई (एम) को सिर्फ 16 सीटों से संतोष करना पड़ा. वहीं IPFT को 8 सीटों पर जीत मिली है. हालांकि सीएम माणिक सरकार की सीट पर विवाद हो गया था. इस वजह से इस सीट पर देर शाम तक काउंटिंग चली.

काफी देर तक काउंटिंग के बाद माणिक सरकार को 5142 वोटों से जीत हासिल हुई. माणिक सरकार धानपुर सीट से चुनाव मैदान में खड़े हुए थे. काउंटिंग की शुरुआत में माणिक सरकार विरोधी पार्टी के उम्मीदवार से पीछे चल रहे थे. वहीं विवाद होने पर सीपीएम ने काउंटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज करवाई. खुद माणिक सरकार का बयान आया कि काउंटिंग में फर्जीवाड़ा करने की कोशिश हुई है, साथ ही उन्होंने बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर माहौल खराब करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.

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वहीं सूचना के अनुसार 4 राउंड की काउंटिंग होने के बाद बीजेपी ने शिकायत की थी कि ईवीएम मशीन पर पोलिंग एजेंट के हस्ताक्षर नहीं हैं, उसके बाद बीजेपी ने काउंटिंग बंद करवा दी थी. साथ ही बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने भी चुनाव आयोग के सदस्यों से मुलाकात की. वहीं इसके बाद काउंटिंग होने पर आखिरकार माणिक सरकार को 5142 वोटों से जीत हासिल हुई.

आपको बता दें कि माणिक सरकार ने 1998 में पहली बार धानपुर से चुनाव जीता था ,तब वे पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. माणिक सरकार की छवि ईमानदार नेता की है, इसलिए सीपीएम के नेतृत्व वाले लेफ्ट फ्रंट ने इस बार भी उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा. हालांकि इस बार लेफ्ट फ्रंट की सरकार बनाने का उनका सपना अधूरा रह गया. माणिक सरकार ने बीजेपी की प्रतिमा भौमिक को हराया.

बता दें कि त्रिपुरा में बीजेपी ने अप्रत्याशित जीत हासिल की है. पिछले विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी को 1.5 फीसदी वोट से ही संतोष करना पड़ा था. मगर इस बार के चुनाव में पार्टी ने 43 प्रतिशत वोट हासिल करने के साथ जीत का आगाज किया है और इस तरह उसने वाम मोर्चे के इस गढ़ पर कब्जा जमा लिया है.

करीब तीन दशकों से राज्य की सत्ता पर कायम माकपा को महज 16 सीटें ही मिल पाईं. पिछले विधानसभा चुनाव में विपक्ष की भूमिका में रही कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई.

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