केंद्र सरकार के निर्देशानुसार त्रिपुरा और मेघालय में गुटखा और पान मसाला की बिक्री, उत्पादन और वितरण पर रोक लगा दिया जाएगा. यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी.
त्रिपुरा एवं मेघालय के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों में गुटखा, खैनी, पान मसाला और तम्बाकू एवं निकोटिन से बनने वाले पदार्थ की बिक्री, उत्पादन और वितरण पर प्रतिबंध के सिलसिले में राज्य में पहले से ही कार्रवाई की गई है.
असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम में इन चीजों पर पहले से ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
सर्वोच्च न्यायालय ने महीने की शुरुआत में ऐसे उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए जारी की गई नोटिस के पालन के सम्बंध में 23 राज्यों एवं पांच केंद्र शासित प्रदेशों को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से समयबद्ध सीमा के अंतर्गत प्रतिबंध न लगाए जाने की वजह पूछी थी.
त्रिपुरा में क्षेत्रीय कैंसर केंद्र के अधीक्षक गौतम मजुमदार ने आईएएनएस से कहा, ‘देश में मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा तम्बाकू का सेवन करने वाले सबसे बड़े राज्यों के रूप में उभरा है. उत्तरपूर्व के पहाड़ी इलाके में कैंसर के मामले खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं जिसमें से लगभग आधा मामला तम्बाकू के सेवन से उत्पन्न हुआ है.’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों में तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों को दण्डित किया जाएगा तथा कैंसर के बारे में जागरुकता अभियान शुरू किया जाएगा.
आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, क्षेत्रीय कैंसर केंद्र में साल 2006 में 1,263, 2007 में 1,386, 2008 में 1,444, 2009 में 1,524 और 2010 में 1,836 कैंसर मरीजों का पंजीयन कराया गया है.