त्रिपुरा विधानसभा में मृत्युदंड समाप्त करने से जुड़ा एक प्रस्ताव शुक्रवार को आम सहमति से पारित हो गया. इस प्रस्ताव का सत्ताधारी वाम मोर्चा के विधायकों के साथ ही विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने भी समर्थन किया.
इस प्रस्ताव में मृत्युदंड समाप्त करने का केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है. कांग्रेस विधायक जीतेंद्र सरकार ने प्रस्ताव पेश करते हुए मृत्युदंड के स्थान पर दोषी के लिए मृत्यु तक सश्रम कारावास की सजा का सुझाव दिया.
मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने कांग्रेस विधायक के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सदन में कहा कि मृत्युदंड दोषी ठहराए गए व्यक्ति को पश्चाताप का अवसर नहीं देता है.
राज्य के कानून मंत्री तपन चक्रबर्ती ने कहा, '149 से अधिक देश मृत्युदंड पहले ही समाप्त कर चुके हैं, जबकि 58 देशों में अभी भी मृत्युदंड के प्रावधान मौजूद हैं.'
चक्रबर्ती ने कहा, 'ऐसी आम धारणा है कि कुछ व्यक्ति जघन्य अपराध करने के बाद भी अपने धनबल और अन्य रसूखों के चलते निरंकुश घूमते हैं, जबकि गरीब व्यक्ति अदालतों में अपने मामलों की पैरवी के लिए उपयुक्त वकील तक नहीं कर पाता.'
विपक्ष के नेता सुदीप रॉय बर्मन ने जीसस क्राइस्ट, महात्मा गांधी और फ्रेंच कवि, उपन्यासकार और नाटककार विक्टर मैरी ह्यूगो का जिक्र करते हुए कहा कि दोषी व्यक्ति का पश्चाताप उसके लिए सबसे बड़ी सजा है.
विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक रतन लाल नाथ ने हालांकि अपनी पार्टी के विधायक के प्रस्ताव का विरोध किया. नाथ ने कहा, 'यदि कोई व्यक्ति किसी बेगुनाह व्यक्ति की जान लेता है, तो उसे (हत्या करने वाले को) जीने का अधिकार नहीं है.'
इनपुट: IANS