तेलंगाना बिल पारित होने के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और कांग्रेस में विलय और चुनावी तालमेल की चर्चा तेज हो गई है. टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और आंध्र प्रदेश में पार्टी मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह से मिले हैं. सूत्र बता रहे हैं कि रविवार को हुई इस मुलाकात में दोनों दलों के बीच गठबंधन या संभावित विलय के बारे में बातचीत हुई. राव ने संसद में तेलंगाना बिल को पारित कराने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.
सूत्रों के मुताबिक टीआरएस ने कांग्रेस को संकेत दिया है कि वो लोकसभा चुनाव में उसके लिए तेलंगाना की अधिकतम सीटें छोड़ने को तैयार है, अगर पार्टी के नेता राव को तेलंगाना का पहला सीएम बनाने के लिए सपोर्ट किया जाता है. हालांकि, दोनों पार्टियों की तरफ से बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
टीआरएस ने बयान जारी करके कहा कि तेलंगाना बनाने के फैसले पर आभार जताने के लिए राव सोनिया से मिलने गए थे. मुलाकात के बाद राव ने कहा कि इस बैठक में राजनीति पर चर्चा नहीं हुई. राव के मुताबिक सोनिया गांधी ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के संपर्क में रहने को कहा है. वे खुद भी कांग्रेस अध्यक्ष से जल्दी ही फिर मिलेंगे. शुक्रवार को तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.
तेलंगाना से आने वाले केंद्रीय मंत्री एस. सत्यनारायण के मुताबिक कांग्रेस उम्मीद करती है कि टीआरएस का उसमें विलय हो. सत्यनारायण के मुताबिक राव कहते रहे हैं कि अगर तेलंगाना का गठन होता है तब वह सोनिया गांधी के साथ काम करेंगे. अब बिल पास हो गया है, ऐसे में उन्हें साथ आ जाना चाहिए.
इस बीच, आंध्र प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने नई पार्टी बनाने की कवायद तेज कर दी है. उन्होंने इस सिलसिले में रविवार को बैठक भी की. तेलंगाना मसले पर कांग्रेस से निकाले गए छह सांसदों और उनके कुछ करीबी मंत्री इस बैठक में शामिल थे.