तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस के विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस को जांच आगे बढ़ाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही बीजेपी की याचिका में सीमित जानकारी होने की टिप्पणी की है. कोर्ट ने बीजेपी का एक मौका दिया है और बीजेपी को अधिक जानकारी के साथ काउंटर हफलनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि पिछले दिनों अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में तेलंगाना के साइबराबाद इलाके में ऑपरेशन फार्म हाउस का मामला सामने आया था. टीआरएस का कहना था कि बीजेपी से जुड़े तीन लोग दिल्ली से आए और यहां टीआरएस के विधायक रोहित रेड्डी के फार्म हाउस पहुंचे. यहां उन्होंने डील कराने वाले का 100 करोड़ और प्रत्येक विधायक को 50-50 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया. इन लोगों का कहना था कि बीजेपी में शामिल होते ही बड़े पद दिए जाएंगे. अगर ऑफर स्वीकार नहीं किया तो जांच एजेंसियों का सामना करना होगा. इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी और आरोपी तीन लोगों को गिरफ्तारी हुई थी.
बीजेपी ने सीमित जानकारी के साथ याचिका दाखिल की
इस केस में मंगलवार को हाईकोर्ट में जस्टिस बोलम विजयसेन रेड्डी की अध्यक्षता वाली सिंगल बेंच ने सुनवाई की और अंतरिम आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता भाजपा ने सीमित जानकारी के साथ याचिका दायर की है. चूंकि, मामले में बड़े मुद्दे शामिल हैं, इसलिए जांच को रोका नहीं जा सकता. कोर्ट ने पुलिस को जांच आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है.
मामले में अगली सुनवाई अब 18 नवंबर को
इसके अलावा, कोर्ट ने याचिकाकर्ता बीजेपी को अधिक जानकारी के साथ काउंटर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले में अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी.
हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट के आदेश को खारिज किया था
इससे पहले हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया था और आरोपी को पुलिस के समक्ष सरेंडर करने का निर्देश दिया था. दरअसल, एक स्थानीय अदालत ने तीन लोगों की रिमांड खारिज कर दी थी. कहा गया था कि साइबराबाद पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले नोटिस जारी करने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया है.
टीआरएस विधायक रोहित रेड्डी ने शिकायत की थी
बता दें कि टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत के आधार पर 26 अक्टूबर को तीनों आरोपी रामचंद्र भारती, नंदू कुमार और सिंह्याजी स्वामी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए थे. प्राथमिकी के अनुसार, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की और बदले में टीआरएस छोड़कर अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की शर्त रखी.