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डोकलाम पर कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थे ट्रंप, ये थी असली वजह?

एक अमेरिकी विशेषज्ञ का कहना है कि भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद ने ट्रंप प्रशासन को असहज स्थिति में डाल दिया है और वह इसमें खुद को उलझाना नहीं चाहता, खासकर ऐसे समय जब वह उत्तर कोरिया से निपटने के लिए बीजिंग की मदद मांग रहा है. 

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डोकलाम पर चीन-भारत की तनातनी से ट्रंप असहज
डोकलाम पर चीन-भारत की तनातनी से ट्रंप असहज

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एक अमेरिकी विशेषज्ञ का कहना है कि भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद ने ट्रंप प्रशासन को असहज स्थिति में डाल दिया है और वह इसमें खुद को उलझाना नहीं चाहता, खासकर ऐसे समय जब वह उत्तर कोरिया से निपटने के लिए बीजिंग की मदद मांग रहा है.  

 

दरअसल भारत और चीन ने डोकलाम से अपने सैनिक वापस बुलाकर 73 दिन से चल रहे गतिरोध को खत्म किया, यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने चीन जाने से कुछ दिन पहले हुआ. द हैरिटेज फाउंडेशन में दक्षिण एशिया के रिसर्च फैलो जेफ स्मिथ ने कहा कि डोकलाम संकट से ट्रंप प्रशासन असहज स्थिति में पड़ गया.

 

उन्होंने कहा, यह ऐसा विवाद नहीं है जिसमें वे उलझाने के लिए इच्छुक हों, खासकर ऐसे समय जब वे उत्तर कोरिया में बढ़ती समस्या से निपट रहे हैं और इस मामले में चीन की मदद मांग रहे हैं. स्मिथ ने कहा, अगर आप विवाद पर ट्रंप प्रशासन की टिप्पणियों के निहितार्थ निकालें तो वे जापान की तरह भारत की स्थिति के वस्तुत: समर्थक हैं.

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गतिरोध के दौरान विदेश विभाग के प्रवक्ता हीथर नौअर्ट ने कहा था कि अमेरिका स्थिति पर करीबी रूप से नजर रखे हुए है और वह दोनों पक्षों को एकसाथ बैठने और इसके बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करता है.

 

 

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