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तिरुपति मंदिर ने माना,‘दूसरे धर्म की प्रशंसा का कंटेट वेबसाइट पर अपलोड हुआ’

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने अपनी वेबसाइट पर भक्ति गीतामृत लहरी के कुछ विवादित अंश अपलोड होने को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है. टीटीडी ने माना है कि उसकी वेबसाइट पर हिन्दू धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म की प्रशंसा वाला कंटेट अपलोड हुआ.

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तिरुपति मंदिर (twitter)
तिरुपति मंदिर (twitter)

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  • भविष्य में ऐसा दोबारा न हो इसलिए कंटेट का होगा दोबारा वैरीफिकेशन
  • विवाद सामने आने के बाद टीटीडी ने वेबसाइट से किताब को तत्काल हटाया
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने अपनी वेबसाइट पर ‘भक्ति गीतामृत लहरी’ के कुछ विवादित अंश अपलोड होने को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है. टीटीडी ने माना है कि उसकी वेबसाइट पर हिन्दू धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म की प्रशंसा वाला कंटेट अपलोड हुआ. टीटीडी ने साथ ही आश्वस्त किया है कि अब किसी भी कंटेट को अपलोड किए जाने से पहले उसकी समुचित जांच की जाएगी.   

टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंगला के मुताबिक ये पुस्तक 2002 में प्रकाशित हुई थी और 2015 में अपलोड हुई थी. सिंगला ने कहा, ‘टीटीडी की ओर से स्पष्ट दिशानिर्देशों के साथ मई 1979 में लेखकों को वित्तीय सहायता की योजना शुरू हुई थी. मानक बनाया गया कि इस योजना के तहत आने वाली किसी भी किताब के पहले 16 पन्नों की जांच विशेषज्ञ समिति की ओर से कराई जाएगी. इस समिति में विभिन्न भाषाओं के विद्वान शामिल होते हैं. वैरीफिकेशन पूरा होने के बाद 50% वित्तीय सहायता लेखक को दी जाती है, साथ ही 50 किताबें टीटीडी पब्लिकेशन्स की ओर से बिक्री के स्वीकार की जाती हैं. उस वक्त साहित्य के क्षेत्र से कुछ बड़े नामों वाले लोगों से बनी विशेषज्ञ समिति ने मेंडा चिन्ना सीतारमैया की लिखी पुस्तक (भक्ति गीतामृत लहरी) को वित्तीय अनुदान देना मंजूर किया था. किताब 2002 में प्रकाशित हुई और ई-पब्लिकेशन्स के तहत 2014-15 में हमारी वेबसाइट पर अपलोड हुई.’

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विवाद सामने आने के बाद टीटीडी ने वेबसाइट से किताब को तत्काल हटा दिया. तिरुपति में तिरुमाला स्थित भगवान वेंकटेश्वर के पर्वतीय तीर्थ स्थल का प्रबंधन करने वाले बोर्ड ने दोबारा वैरीफिकेशन पूरा होने तक वेबसाइट से उन सभी ई-बुक्स को हटाने का फैसला किया जिन्हें सहायता योजना के तहत वित्त अनुदान मिला था. सिंगला ने बताया कि दोबारा वैरीफिकेशन के काम को कुछ महीने लगेंगे क्योंकि पुस्तकों की संख्या कई हज़ार है.

सिंगला के मुताबिक अनुदान वाली किताबों के लिए मानक और दिशानिर्देश भी संशोधित किए जाएंगे जिससे  भविष्य में ऐसा कोई विवाद सामने नहीं आए. बता दें कि ये विवाद उस वक्त सामने आया जब आंध्र प्रदेश चीफ सेक्रेटरी और टीटीडी बोर्ड के सामने शिकायत दर्ज हुई कि हिन्दू मंदिर बोर्ड की वेबसाइट पर दूसरे धर्म की प्रशंसा वाला कंटेट अपलोड है.

शिकायत में कहा गया कि मेंडा चिन्ना सीतारमैया की तेलुगु किताब ‘भक्ति गीतामृत लहरी’  में तेलुगु कीर्तन में हिन्दू देवी-देवताओं की प्रशंसा की गई है. लेकिन पेज नंबर 182, 183, 184 पर कुछ कीर्तन यीशु मसीह की प्रशंसा वाले भी हैं. ये भी कहा गया कि टीटीडी की वेबसाइट पर किताब की पीडीएफ कॉपी अपलोड है. ये शिकायत ‘लॉ इन फोर्स’ नामक एनजीओ की ओर से की गई. शिकायत के बाद वेबसाइट से पीडीएफ हटा ली गई.

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