भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद भी अमित शाह के पुराने दाग
छुड़ाए नहीं छूट रहे. तुलसी प्रजापति फर्जी एनकाउंटर केस में उन्हें कोर्ट ने पेश होने का
आदेश दिया है. मुंबई की एक सीबीआई कोर्ट ने यह भी कहा है कि पेश न होने की सूरत में उनके खिलाफ
कार्रवाई की जाएगी. इस केस की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.
अमित शाह के अलावा इस मामले के सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया है. याद रहे कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति फर्जी एनकाउंटर मुकदमों में आज भी जमानत पर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मुकदमों को जोड़ दिया है. मुंबई में इनकी सुनवाई कर रही एक निचली अदालत ने पिछले दिनों शाह को अदालत में हाजिरी से छूट दी थी.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के पीछे अमित शाह को काफी श्रेय दिया गया, जिसके बाद उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बना दिया गया. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें चुनाव का 'मैन ऑफ द मैच' कहा था.
क्या है तुलसी प्रजापति मामला
गौरतलब है कि तुलसी प्रजापति की 28 दिसंबर 2006 को पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी
गई थी. आरोप है कि गुजरात पुलिस ने उसका एनकाउंटर किया. इस अपराध में
डीआईजी डीजी वंजारा व अन्य आरोपी सात साल तक जेल में रहे.
2012 में यह मामला तब ज्यादा चर्चा में आया जब सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह को मामले का प्रमुख आरोपी बनाया. अक्टूबर 2012 में अमित शाह गिरफ्तार कर लिए गए. इससे पहले आईपीएस वंजारा के साथ 32 पुलिस अधिकारियों को फर्जी एनकाउंटर के एक से ज्यादा मामलों के लिए गिरफ्तार किया गया.
सीबीआई के मुताबिक, प्रजापति 2005 के सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले का गवाह था और इसी वजह से उसकी हत्या की गई. अमित शाह सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले में भी आरोपी हैं.