लश्कर के सदस्य और बम बनाने में माहिर आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने जेल में अपने बर्ताव से सबको हैरत में डाल दिया. उसे अपने धर्म और संस्कृति के बारे में गहरा ज्ञान है. वह सबसे कहता फिरता है, 'मैं अल्लाह का बंदा हूं और मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है.'
यह जानकारी जेल के अधिकारियों ने दी है. हालांकि इस वक्त टुंडा जेल में नहीं, भारत के सबसे अच्छे अस्पताल में इलाज करवा रहा है. सीने में दर्द की शिकायत के बाद उसे एम्स में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि 70 साल के टुंडा को दिल की बीमारी है.
टुंडा के ज्ञान से अधिकारी हैरान
जेल अधिकारियों ने बताया कि टुंडा की बातचीत की शैली बड़ी मीठी है. उसे जॉर्ज बर्नाड शॉ से लेकर हिंदू ग्रंथ गीता का भी गहरा ज्ञान है.
नाम उजागर न करने की शर्त पर सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, 'टुंडा का ज्ञान बहुत अच्छा है. वह खुद को 'अल्लाह का नेक बंदा' बताता है. उसे विश्व इतिहास के मुख्य सामाजिक कार्यकर्ताओं और उनकी क्रांतियों के बारे में अच्छी जानकारी है.'
उत्तर प्रदेश के एक गरीब परिवार में जन्मे टुंडा ने सातवीं तक ही पढ़ाई की है. लेकिन जेहाद की राह चुनने के बाद उसने अपना बौद्धिक ज्ञान बढ़ाया.
कम खाता है, नमाज पढ़ता है
एक अधिकारी ने बताया, 'पुलिस हिरासत में वह पांचों वक्त की नमाज अता करता है, ठीक समय पर भोजन करता है और कम खाता है. आम तौर पर वह दाल, रोटी और चिकन खाता है.'
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस से पूछताछ के दौरान टुंडा ने कई बार शॉ और समाज में असमानता पर एक आयरिश नाटककार की कही बातों का रेफरेंस दिया. वह हिंदी और उर्दू लिख-पढ़ सकता है, जबकि अंग्रेजी सिर्फ पढ़ सकता है.
अधिकारी ने बताया कि टुंडा जिन आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा, उसके लिए उसे कोई पछतावा नहीं है. वह बांग्लादेश और पाकिस्तान में कई मदरसे चलाता है, जहां वह युवाओं को जेहाद के लिए तैयार करता है.
टुंडा को दिल्ली पुलिस ने 16 अगस्त को नेपाल-भारत सीमा से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करते वक्त गिरफ्तार किया था. भारत में 40 से भी अधिक विस्फोटों में आरोपी टुंडा दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की हिरासत में है.