लश्कर-ए-तय्यबा के शीर्ष बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों से कहा कि इकबाल काना पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी से जाली भारतीय करेंसी नोट (एफआईसीएन) हासिल करता था और उसे भारत में भेजने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करता था. काना जाली भारतीय मुद्रा का सबसे बड़ा कारोबारी है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि काना को आईएसआई के एक ब्रिगेडियर से जाली भारतीय मुद्रा मिलती थी. इसका मुद्रण पाकिस्तान के इस्लामाबाद और पेशावर में किया जाता था. टुंडा ने पूछताछ कर रहे अधिकारियों को बताया कि उसका काम जाली मुद्रा जुटाना, उसका वितरण करना और अपने नेटवर्क के माध्यम से भारत भेजना था.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हर बार, यह करोड़ों रूपये मूल्य का होता था.’ टुंडा को 19 वर्षों तक फरार रहने के बाद गत शुक्रवार को भारत नेपाल सीमा पर एक इलाके से गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से अब्दुल कुद्दुस के नाम से पाकिस्तानी पासपोर्ट जब्त किया गया था.
जांच अधिकारियों ने कहा कि 70 वर्षीय आतंकवादी ने उनसे कहा कि 2012 में काना ने आईएसआई के नाम से लाहौर में भारत-पाक व्यापार केंद्र (व्यापारियों का एक निजी संघ) को जबरन वसूली के लिए कॉल किया.