खूंखार आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा ‘परिवारवाला’ है. उसकी तीन बीवियां और सात बच्चे हैं. उसकी सभी बीवियां पाकिस्तान में रहती हैं.
दिल्ली पुलिस सूत्रों ने बताया कि टुंडा के अनुसार, उसके सबसे बड़े बेटे की आयु 48 साल है. वह कुछ वर्ष पहले गुम हो गया था. वहीं उसके सबसे छोटा बेटा मात्र साढ़े 3 साल का है.
जांचकर्ताओं के अनुसार, टुंडा ने उन्हें बताया कि उसकी दूसरी बीवी मुमताज से उसका तीसरा पुत्र अब्दुल वारिस भारत में एक आतंकवादी घटना में शामिल था. जम्मू कश्मीर पुलिस ने उसे एक बार गिरफ्तार किया था.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘टुंडा ने दावा किया है कि वारिस भी लश्कर ए तैयबा का एक सक्रिय सदस्य था. उसने एक भारतीय जेल में 8 वर्ष की सजा काटी और उसके बाद पाकिस्तान लौटा.’ पुलिस सूत्रों ने बताया कि टुंडा की तीन बीवियां जरीना, मुमताज और आसमा छह बच्चों के साथ लाहौर में रहती हैं. उसके पुत्र लाहौर और कराची में उसका धंधा संभालते हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘टुंडा ने सबसे पहले जरीना से 1964 में गाजियाबाद स्थित अपने पैतृक स्थान पर निकाह किया था. वर्ष 1984 में जब वह काम की तलाश में अहमदाबाद गया तो उसने मुमताज से विवाह किया. उसकी तीसरी बीवी आसमा 18 साल की थी जब उसने बांग्लादेश में 1995 में उससे निकाह किया था.’
40 वर्ष की आयु में जेहादी तत्वों के साथ शामिल होने से पहले टुंडा देश में कई स्थानों पर रहा और कई काम किये. उसने दिल्ली स्थित एक बैंक की शाखा में सुरक्षा गार्ड के रूप में भी काम किया. उसने कपड़े व्यापारी के रूप में अहमदाबाद में काम करने के साथ ही आगरा, इटारसी और खंडवा में विभिन्न काम किये. पुलिस ने बताया कि वर्ष 1985 में वह राजस्थान के टोंक शहर गया, जहां उसने एक मस्जिद में काम शुरू किया. टोंक में एक पाइप बम बनाने के दौरान उसका हाथ कट गया, जिसके बाद उसके नाम टुंडा पड़ा.
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में मदरसों में युवकों को जेहाद के लिए तैयार करने के साथ ही टुंडा एक कपड़े का कारखाना चलाता था और कराची और लाहौर में उसकी कपड़े और इत्र की दुकानें थीं.
पुलिस ने बताया कि टुंडा को मंगलवार को उस मामले में अदालत में पेश किया जाएगा, जिसमें वर्ष 1994 में दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर में विस्फोटक की एक खेप बरामद की गई थी. इस मामले में अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.