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बड़े होने में 45 साल लगाती है कछुए की एक प्रजाति

खरगोश और कछुए की दौड़ वाली कहानी में जीत भले धीमी गति वाले कछुए की हो, पर आप मानें या ना मानें, कछुए की एक ऐसी प्रजाति भी होती है जो बड़े होने में 45 साल लगा देती है.

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कछुआ
कछुआ

खरगोश और कछुए की दौड़ वाली कहानी में जीत भले धीमी गति वाले कछुए की हो, पर आप मानें या ना मानें, कछुए की एक ऐसी प्रजाति भी होती है जो बड़े होने में 45 साल लगा देती है.

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यूनिवर्सिटी ऑफ स्वानसी के वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में पाया कि लॉगरहेड कछुआ प्रजाति की मादा 45 साल की उम्र तक अंडे नहीं देती.

‘फंकशनल इकोलॉजी’ जर्नल ने अपने ताजातरीन संस्करण में कहा कि कछुए के विकास का दशकों तक अध्ययन करने के बाद ये नतीजे पाये गए. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इस नतीजे का उपयोग संरक्षण के प्रयासों में किया जा सकता है.

अध्ययन दल के अगुवा प्रो. ग्राहम हेज ने बताया कि इस अवस्था में अंडे सेने का मतलब यह हुआ कि पहले जितना सोचा गया था उसकी तुलना में कछुए कम लचीले होते हैं.

हेज के हवाले से कहा गया, ‘जानवर बड़े होने में जितना वक्त लगाते हैं, उतना ही वह मौत की (मानव निर्मित) वजहों के प्रति कमजोर होते हैं.’

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