यह तो होना ही था. आज नहीं तो कल. जैन टीवी में बतौर इंटर्न रही राखी बिरला ने पत्रकारिता छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थामा और कांग्रेस के कद्दावर नेता को धूल चटाई. पार्टी से जुड़ने वालों की लिस्ट में पत्रकारों का वर्चस्व दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है.
इस लिस्ट में गुरुवार को एक और पत्रकार का नाम जुड़ गया. वरिष्ठ संपादक और टीवी जगत के जाने माने चेहरे आशुतोष भी आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गए हैं. उन्होंने घोषणा की कि अब वे पत्रकारिता का पेशा छोड़कर राजनीति के मैदान में उतरने जा रहे हैं. आप पार्टी में शामिल होने प्रोफेशनल लोगों की लिस्ट में आशुतोष का भी नाम शामिल हो गया. इसके पहले एयर डेकन के संस्थापक कैप्टन गोपीनाथ, बैंकर व रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड (आरबीएस) की पूर्व अध्यक्ष मीरा सान्याल और मशहूर नृत्यांगना मल्लिका साराभाई भी पार्टी में शामिल हो चुकी हैं. पार्टी में शामिल होने वालों में से कई ऐसे मध्यम वर्गीय परिवार के हैं, जो समय-समय पर भ्रष्ट नेताओं और सड़ांध मारे रहे सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं.
कांग्रेस और बीजेपी जैसी पार्टियां हमेशा से ही स्वतंत्र ख्यालात वाले नागरिकों के राजनीति में जाने वाले रास्ते में रोड़े अटकाती रही हैं. कांग्रेस में जहां अधिकतर 10 जनपथ में सलाम ठोंकने वालों तो वहीं बीजेपी में नागपुर में बैठे लोगों को दंडवत करने वालों का भला होता है. चुनाव लड़ने का ठेका ज्यादातर पार्टियों के दिग्गज नेताओं के रिश्तेदारों को ही मिलता है या सत्तासीनों के करीबियों को. लोकसभा चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन करने का ख्वाब देख रही अनुभवविहीन आम आदमी पार्टी चाहती है कि उसके साथ अब ऐसे लोग जुड़े जो समूचे राष्ट्र में पार्टी का सही मैसेज लोगों तक पहुंचा सकें. पार्टी की पूरे देश में छा जाने की आकांक्षा, उन लोगों को पर दे रही है जो कहीं न कहीं मौजूदा खराब राजनीतिक सिस्टम के तले दबे पड़े थे.
मनीष सिसौदिया, शाजिया इल्मी और राखी बिरला के बाद आशुतोष उस लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जिनके ऊपर पार्टी को चमकाने और बढ़ाने की विशेष्ा जिम्मेदारी होगी. इनमें से मनीष सिसौदिया इस समय दिल्ली सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं और अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी हैं. सिसौदिया जी न्यूज में प्रोड्यूसर की नौकरी छोड़कर अरविंद केजरीवाल के एनजीओ परिवर्तन के साथ जुड़ गए थे. भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जुड़ने से पहले शाजिया इल्मी स्टार न्यूज की प्रमुख एंकर थीं. सबसे ज्यादा जोरदार रहीं 26 वर्षीय राखी बिरला, जिन्होंने पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर राजकुमार चौहान को चुनावी रण में जोरदार पटखनी दी. और अब बन गई हैं दिल्ली सरकार की महिला बाल विकास मंत्री. बतौर रिपोर्टर राखी एंटी करप्शन बीट देखती थी, जो नौकरी छोड़कर केजरीवाल के आंदोलन में कूद पड़ीं.
आशुतोष के लिए तो यह स्टॉकहोम सिंड्रोम था. एंटी करप्शन मूवमेंट की रिपोर्टिंग इन्होंने बड़े ही जानदार तरीके से की. दूसरे संपादकों की तरह इन्होंने स्टूडियो से ही नहीं इस पर फोकस किया बल्कि रामलीला मैदान और जंतर मंतर में जाकर इन्होंने कड़ी धूप में पसीना बहाते हुए रिपोर्टिंग की. इन्होंने लोगों तक पार्टी के मूलभूत सिद्धांतों को बड़े ही बेहतरीन तरीके से परोसा और खुद एक्टिविस्ट जर्नलिस्ट की तरह नजर आए. आशुतोष ने अन्ना हजारे के आंदोलन पर 'अन्ना: 13डेज अवेकेंड इंडिया' किताब भी लिखी है.
IBN7 ज्वाइन करने से पहले आशुतोष आजतक के साथ करीब 11 वर्षों तक जुड़े रहे. टीवी टुडे में संवाददाता के पद से शुरू हुआ सफर एग्जीक्यूटिव एडिटर तक चला. आशुतोष तब चमके, जब बसपा नेता कांशीराम ने वर्ष, 1996 में उन पर थप्पड़ जड़ा था. जब कांशीराम अपने घर के बाहर जमी पत्रकारों की फौज को जाने के लिए कह रहे थे, तब आशुतोष उनकी बाइट लेने के लिए उनसे अड़े हुए थे.
आशुतोष ने आम आदमी पार्टी जॉइन करने की खबर ट्विटर के जरिए सुबह सार्वजनिक की. आशुतोष ने ट्वीट किया कि '8 साल पहले मैंने अपना रास्ता बदला था और अब फिर से वही समय आ गया है. डेस्टनी का एक और कॉल है. मुझे इसके साथ बढ़ना ही होगा. ये ऐतिहासिक पल हैं. सामाजिक मंथन चल रहा है. इस बदलाव को और मजबूत और खूबसूरत बनाने के लिए हर किसी को योगदान देना होगा.' आशुतोष IBN7 से अभी रिलीव नहीं हुए हैं, वो इसका इंतजार कर रहे हैं. रिलीविंग के तुरंत बाद वो पार्टी जॉइन कर लेंगे. फिलहाल CNN IBN के मैनेजिंग एडिटर विनय तिवारी आशुतोष का कामकाज देखेंगे.
आशुतोष पार्टी के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे मे गंभीरता से विचार कर रहे हैं. बहरहाल अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वो कहां और किसके खिलाफ चुनावी जंग में उतरेंगे. केजरीवाल चाहते हैं कि आशुतोष पार्टी के बड़े फैसले लेने वाली टीम, जिसमें योगेंद्र यादव प्रमुख है, में रहें. पार्टी के आशुतोष फायरब्रांड प्रवक्ता रहेंगे.
पत्रकारों का राजनीति में आना कोई नई घटना नहीं है. एमजे अकबर से लेकर चंदन मित्रा तक राजनीति में आ चुके हैं. राजनीति से वापस फुल टाइम पत्रकारिता में आना विनाशकारी है. यह एक ऐसी लक्ष्मण रेखा है, जिसे सिर्फ एकबारगी ही पार किया जा सकता है. दर्शकों के लिए आशुतोष का यह फैसला काफी चौंकाने वाला है. उनका यह फैसला दर्शकों के मन में यह बात डाल रहा है कि उनका फेवरिट एंकर कही बायस्ड तो नहीं था. हालांकि यह अच्छा रहा कि आशुतोष ने राजनैतिक जीवन की शुरुआत कर यह साफ कर दिया कि वो किसी का चेहरा बनकर पत्रकारिता नहीं कर रहे हैं. पत्रकारिता के मूल्य वही स्थापित कर सकता है जो बिना डरे, बिना पक्ष लिए सभी पार्टियों से एकसमान प्रश्न पूछता है.
आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता इस समय हर ओर काफी तेजी से बढ़ रही है. आने वाले कुछ हफ्तों में इस पार्टी को यदि और भी हाई प्रोफाइल लोग जॉइन कर लें तो ज्यादा हैरानी नहीं होगी. बदलाव की इबारत लिखी जा चुकी है. दिल्ली में तो आगाज हो चुका है, समूचे देश में होना अभी बाकी है.