देश के नंबर वन न्यूज नेटवर्क टीवी टुडे नेटवर्क के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीईओ जी कृष्णन को इंडियन न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स में इस साल सर्वश्रेष्ठ सीईओ का पुरस्कार दिया गया है.
जी. कृष्णन का अहम योगदान
ये कृष्णन के ही नेतृत्व का ही कमाल है, जिसने टीवी टुडे नेटवर्क को एक चैनल वाली कंपनी से देश की नंबर वन न्यूज नेटवर्क बना दिया. जी कृष्णन के नेतृत्व में ही आजतक ने लगातार 8 बार इंडियन टेलीविजन एकैडमी अवॉर्ड पर अपना कब्जा जमाया. जी कृष्णन की ही कोशिशों की ही बदौलत आजतक ने भारत के बाहर अमेरिका और इंग्लैंड में भी खुद को स्थापित किया.
कृष्णन के नाम कई उपलब्धियां
कृष्णन को उनके शानदार काम की बदौलत मीडिया मीट 2001 में बेस्ट मीडिया पर्सन के अवॉर्ड से नवाजा गया. 2002 में भी इंडियन टेली अवॉर्ड में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सीईओ का सम्मान मिला था. टीवी टुडे नेटवर्क के बाहर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जगत में जी कृष्णन बेहद जाना-पहचाना नाम है. वे इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक हैं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने सेल्फ रेग्यूलेट्री बॉडी एनबीए बनाई, तो जी कृष्णन को उसका अध्यक्ष बनाया गया. इसके अलावा भी कई समितियां हैं, जिनमें कृष्णन अहम पदों पर आसीन हैं.
नकवी बने सर्वश्रेष्ठ एडीटर इन चीफ
भारत में टीवी पत्रकारिता को नया आयाम देने वाले टीवी टुडे नेटवर्क ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर क़मर वहीद नक़वी को इंडियन न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड में सर्वश्रेष्ठ एडीटर इन चीफ का सम्मान दिया गया है. भारतीय पत्रकारिता में 30 साल का अनुभव रखने वाले नक़वी जी ऐसा सूरज हैं, जिन्होंने यहां के प्रिंट मीडिया को तो रोशन किया ही, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी साकार रूप दिया.
1995 में टीवी टुडे ग्रुप से जुड़े
क़मर वहीद नक़वी साल 1995 में टीवी टुडे नेटवर्क ग्रुप से जुड़े. आजतक के संस्थापकों में से एक नक़वीजी के योगदान को इसी से समझा जा सकता है कि चैनल का वो नाम, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पहचान बन गया, उन्हीं का दिया हुआ है. नक़वीजी उस दूरदर्शी टीम के अहम सदस्य रहे हैं जिसने 20 मिनट के एक बुलेटिन से 24 घंटे के एक चैनल की कल्पना की और उसे साकार किया. नक़वीजी ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को वो भाषा दी, जो आजतक की पहचान बनी और फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की आम भाषा.
गढ़ते रहे खबरों के पैमाने
वक्त आगे बढ़ता गया और क़मर वहीद नक़वी भी खबरों के बदलते पैमाने को गढ़ते रहे. फटाफट खबरों के दिन आए और नक़वीजी ने टीवी टुडे नेटवर्क को एक नया चैनल दे दिया-तेज. दौर आने लगा क्षेत्रीय खबरों का. लोगों की रुचि जब अपने आस-पास की खबरों में बढ़ी, तो नक़वीजी ने दिल्ली आजतक को मूर्त रूप दिया. ऐसा चैनल, जो दिल्ली का पसंदीदा बन गया. खबर और तेवर-यही आजतक की पहचान रही है और ये दोनों सही मायने में क़मर वहीद नक़वी की ही देन है.