टीवी टुडे ग्रुप और पत्रकार अक्षय सिंह के परिवार की मांग को मानते हुए शिवराज सरकार विसरा जांच दिल्ली एम्स से करवाने को राजी हो गई है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मांग को मानते हुए विसरा जांच एम्स और एफएसएल से कराने के लिए तैयार हैं. उन्होंने इस संबध में डीजीपी को निर्देश दे दिया है.
इस बीच, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सीएम शिवराज से अक्षय की मौत के बाबत फोन पर बात की है. बताया जाता है कि सीएम ने उन्हें सामान्य मौत की बात कही है. आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह को रविवार को दिल्ली के निगम बोध घाट पर आखिरी विदाई दी गई. इसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी शामिल हुए. कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अक्षय को बहादुर पत्रकार बताते हुए उनकी मौत की सीबीआई जांच की मांग की है.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अक्षय की मौत के मामले को संसद में उठाएगी. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर पत्रकार की मौत पर अपनी संवेदना जताई है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अक्षय का पोस्टमार्टम एम्स में कराया जाना चाहिए. पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए ताकि मौत का सच सामने आ सके.
कांग्रेस ने व्यापम मामले में हुए सभी 45 मौतों को संदिग्ध करार दिया है. पार्टी ने मांग की है कि सभी मौतों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से होनी चाहिए. कांग्रेस की ओर से सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इन मौतों के प्रति गंभीर नहीं है.
कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौतों के मूकदर्शक बने हुए हैं, जबकि एसआईटी और एसटीएफ मौतों की परतें नहीं खोल पाई हैं. कांग्रेस ने कहा, 'अचानक स्वस्थ्य व्यक्ति की मौत कैसे हो जाएगी. राज्य की जांच पर भरोसा नहीं है.' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि छोटे-छोटे मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी जाती है. कोर्ट का कोई बंदिश नहीं है. शिवराज सिंह को सीबीआई जांच के लिए केंद्र को चिट्ठी लिखना चाहिए. आखिर कितनों को मरते देखेंगे वह?
एसआईटी जांच कराएंगे शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. जांच का दायरा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ही तय कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'एसआईटी को चिट्ठी लिखकर अक्षय की मौत की जांच के लिए कहा है. राज्य सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी. टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मौत दुर्भाग्यजनक है. इससे मुझे दुख हुआ है. मैं दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ हूं. मौत की जांच के लिए एसआईटी को लिख रहा हूं.'
वित्त मंत्री ने की निष्पक्ष जांच की मांग
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अक्षय सिंह की मौत पर शोक जताते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, 'युवा पत्रकार अक्षय सिंह की असमय मौत से मैं दुखी हूं. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि किसी भी तरह के शक की गुंजाइश न रहे. इस बारे में सभी संदेहों पर विराम लगाने के लिए निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए.'
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच: आप
आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को कहा कि अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच पर नजर बनाए रखनी चाहिए. आप प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा, 'यह दुखद है कि हमारे एक पत्रकार मित्र की व्यापम घोटाले की रिपोर्टिग करने के दौरान मौत हो गई. व्यापम अब घोटाला नहीं रहा, यह नरसंहार बन गया है.'
रिपोर्टिंग के दौरान हुई थी मौत
बताते चलें कि व्यापम घोटाले से जुड़े मामले में रिपोर्टिंग करने गए आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह की मौत हो गई. शनिवार को वह मध्यप्रदेश के झाबुआ में घोटाले की एक पीड़ित नम्रता डामोर के घर मेघनगर गए थे. वहीं अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई. अब तक उनकी मौत की वजह साफ नहीं हो पाई है. अक्षय आजतक की स्पेशल इनवेस्टिगेटिव टीम का हिस्सा थे. उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं.
असमय बुझ गया पत्रकारिता का नंदादीप
ताजिंदगी खोजी पत्रकारिता के अग्निपथ पर चलने वाले अक्षय सिंह की चिता आग की लपटों में विलीन हो गई. दिल्ली के निगम बोध घाट पर सैकड़ों नम आंखों के बीच, गमजदा घरवालों ने अक्षय को आखिरी श्रद्धांजलि दी. आंसुओं से डूबी साथी पत्रकारों की आंखें, सर झुकाए खड़े सियासतदान, देश के हुक्मरान. सबने चिता पर जाने से पहले अक्षय को श्रद्धांजलि के दो फूल चढ़ाए. खोजी पत्रकारिता का नंदादीप असमय ही क्यों बुझ गया, अनंत संभावनाओं का अंत आखिर क्यों हो गया. तमाम सवाल जेहन में आज भी उमड़ते हैं?