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तेजाब हमले की शिकार लड़की को मिला वीरता पुरस्कार

साल 2014 के लिए 24 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है. इनमें एक 16 साल की तेजाब पीड़ित लड़की भी शामिल है. रेशमा को असाधारण वीरता दिखाने के लिए 'भारत अवार्ड' से सम्मानित किया जाएगा.

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साल 2014 के लिए 24 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है. इनमें एक 16 साल की तेजाब पीड़ित लड़की वीरता भी शामिल है. रेशमा को असाधारण वीरता दिखाने के लिए 'भारत अवार्ड' से सम्मानित किया जाएगा. रेशमा को तेजाब फेंकने वाले शख्स से लड़कर बच निकलने के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है.

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एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, '24 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है. इनमें 8 लड़कियां और 16 लड़के शामिल हैं. चार बच्चों को ये पुरस्कार उनकी मौत के बाद दिया है.'

प्रतिष्ठित 'गीता चोपड़ा पुरस्कार' असम की 13 वर्ष की कुमारी गुंजन शर्मा को दिया गया है, जिसने किडनैपर्स के शिकंजे से अपने मित्रों को बचाने के लिए बहादुरी का परिचय दिया. संजय चोपड़ा पुरस्कार उत्तर प्रदेश के साढ़े सोलह साल देवेश कुमार को दिया गया है, जिसने दो लुटेरों से मुकाबला करते हुए असीम साहस का परिचय दिया. बापू गैधानी पुरस्कार के लिए अरुणाचल प्रदेश के 13 वर्षीय रूमोह मेतो, उत्तर प्रदेश की दिवंगत रिया चौधरी (15 वर्ष), और उत्तराखंड की कुमारी मोनिका (16 वर्ष) को दिया गया.

अन्य बच्चों में गुजरात के जितेन्द्र मराठे, हीरल जीतूभाई हलपती और दिवंगत गौरव कुमार भारती, कर्नाटक के सहनेश आर, महाराष्ट्र से अश्वनी बंदू उगाडे, मणिपुर से एल ब्रेनसन सिंह और जी. तूलदेव शर्मा, त्रिपुरा से रीपा दास, छत्तीसगढ़ से बलराम दनसेना, झारखंड से राजदीप दास, मास्टर अंजीत पी., केरल से अकील मोहम्मद एन.के. और मिधुन पी.पी., मेघायल से स्टीवेंसन लोरिनयांग, मिजोरम से दिवंगत मेसक के. रेमनालालांगक, नागालैंड से महोनबेनी इक्वंग, उत्तराखण्ड से लाभांशु और उत्तर प्रदेश से मास्टर गौरव कुमार भारती को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

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वीरता पुरस्कारों के लिए चयन उच्च अधिकार प्राप्त समिति करती है जिसमें विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधि, गैर सरकारी संगठन और भारतीय बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ सदस्य शामिल होते हैं.

ये बच्चे 24 जनवरी, 2015 को एक विशेष समारोह में प्रधानमंत्री से पुरस्कार ग्रहण करेंगे और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगे. राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इनके सम्मान में स्वागत समारोह का आयोजन करेंगे. विभिन्न राज्य अपने स्तर पर इनके सम्मान में समारोह आयोजित करेंगे.

भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार योजना के तहत उन बच्चों का सम्मान दिया जाता है जिन्होंने असीम बहादुरी और उत्कृष्ट सेवा का परिचय दिया हो और जो दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हों.

पहली बार 1957 में एक लड़की समेत दो बच्चों को उनकी बुद्धिमता और साहस के लिए वीरता पुरस्कार दिया गया. आईसीसीडब्ल्यू तब से हर वर्ष बच्चों को राष्ट्रीय पुरस्कार देता आ रहा है.

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