मंगलवार को समूचा उत्तर भारत एक बार फिर भूकंप के झटके से हिल उठा. भूकंप का पहला झटका सुबह 12.35 मिनट पर महसूस किया गया. इसके बाद लगातार 1 मिनट 35 सेकेंड तक झटके महसूस किए जाते रहे. शुरुआती जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 60 किलोमीटर दूर दोलाखा और सिंधूपालचौक के बीच जमीन के भीतर 19 किलोमीटर नीचे बताया गया. इन सब के बीच कुछ ही देर में खबर आई की एक नहीं दो-दो भूकंप एक साथ आए. एक का केंद्र नेपाल तो दूसरे का अफगानिस्तान था. गृह मंत्रालय ने बताया कि नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 जबकि अफगानिस्तान में आए दूसरे भूकंप को रिक्टर स्केल पर 6.9 मापा गया.
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, एनसीआर, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत समेत पूरे उत्तर भारत के साथ ही नेपाल के काठमांडू में भी तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के पहले झटके के तुरंत बाद अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा है कि नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.4 मापी गई.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भूकंप की खबर आने के तुंरत बाद कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी सूचित किया कि भूकंप से किसी तरह के नुकसान के बारे में गृह मंत्रालय विवरण और सूचनाएं इकट्ठा कर रहा है.
भूकंप के दौरान पूरे उत्तर भारत में दफ्तरों, स्कूलों और घरों से लोग निकल कर घरों से बाहर आ गए और अपने सगे संबंधियों को फोन कर एक दूसरे की जानकारी लेने लगे. भूकंप के बाद जहां एक ओर नेपाल से सभी उड़ानों को दोपहर 2.30 बजे तक के लिए रोक दिया गया है वहीं दिल्ली और कोलकाता में मेट्रो सेवा भी रोक दी गई है.
मौसम विभाग के प्रोफेसर वैध के मुताबिक शुरुआती झटकों की तीव्रता 7.1 मापी गई लेकिन अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार इसकी तीव्रता 7.4 बताई गई है. उन्होंने कहा, ‘भूकंप के बड़े तीव्रता के लिहाज से यह काफी बड़ा झटका है.