दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में एवलांच (बर्फीला तूफान) की चपेट में आने से भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए. दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में 18 हजार फुट की ऊंचाई पर शनिवार को सेना की पेट्रोलिंग पार्टी बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई.
एवलांच रेस्क्यू टीम (एआरटी) तुरंत हरकत में आई और पेट्रोलिंग पार्टी के सभी सदस्यों को बाहर निकालने में कामयाब रही. इसी बीच सेना के हेलिकॉप्टर्स के जरिए जवानों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. लेकिन मेडिकल टीम के सभी प्रयासों के बावजूद सेना के दो जवानों की जान नहीं बचाई जा सकी.
Indian Army:Army patrol operating at approx 18,000 ft in Southern Siachen Glacier was hit by avalanche,during early hours today.Avalanche Rescue Team rushed&managed to locate&pull out the patrol team. Helicopters helped to evacuate victims. 2 Army personnel succumbed in avalanche
— ANI (@ANI) November 30, 2019
इससे पहले, सियाचिन ग्लेशियर में 18 नवंबर को भारतीय सेना की पोस्ट बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई थी. इस घटना में 4 जवान शहीद हो गए थे, जबकि दो स्थानीय नागरिकों की मौत हो गई. उस दिन 8 सदस्यों की पेट्रोलिंग टीम तूफान में फंसी थी.
रेस्क्यू टीम ने तूफान में फंसे 8 सदस्यों को बाहर निकाल लिया, जिसमें 4 जवान इलाज के दौरान शहीद हो गए थे. मृतकों में दो स्थानीय लोग भी शामिल थे. बर्फीला तूफान नॉर्दन ग्लेशियर में आया, जहां ऊंचाई लगभग 18,000 फीट और उससे अधिक है. जिन जवानों को बर्फीले तूफान का सामना करना पड़ा, वे पेट्रोलिंग पार्टी का हिस्सा थे. इसमें 8 जवान थे और जब बर्फीला तूफान आया तो ये जब नॉर्दन ग्लेशियर में मौजूद थे.
इसी साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर के उत्तरी क्षेत्र के कुपवाड़ा जिले में भारी हिमस्खलन हुआ था. माछिल सेक्टर स्थित आर्मी पोस्ट भी इसके चपेट में आ गया था, जिस कारण 3 जवानों की मौत और एक घायल हो गया था.
लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास माछिल सेक्टर में सोना पांडी गली (SPG) में शाम के वक्त हिमस्खलन हुआ था, जिस कारण वहां स्थित सेना की पोस्ट 21 राजपूत इसकी चपेट में आ गया था.