अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में बीजेपी सत्ता में आने का जश्न ही मना रही थी कि मंगलवार को उसकी विधायकों की संख्या में और बढ़ोतरी हो गई. अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के तीन में से दो विधायक मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गये, इसके साथ ही 60 सदस्यीय सदन में कांग्रेस का सिर्फ एक विधायक रह गया है. राज्य विधानसभा सचिवालय ने खोनसा ईस्ट विधानसभा के विधायक वांगलिन सविन और गेब्रियल डेनवांग वानगशू का कांग्रेस से भाजपा में शामिल होना स्वीकार किया.
दोनों विधायकों ने 20 सितंबर 2015 को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था जिसे तत्कालीन अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिका ने स्वीकार कर लिया था. हालांकि, विधायकों ने निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और कहा था कि उनका हस्ताक्षर रहस्यमय परिस्थिति में तत्कालीन मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने ले लिया था.
अरुणाचल में पिछले डेढ़ साल से जारी है सियासी उथलपुथल
अरुणाचल में सियासी उथल-पुथल कोई नई बात नहीं, इसी साल राज्य में चार मुख्यमंत्री देखे गए. इससे पहले यहां बड़ा सियासी संकट तब खड़ा हो गया था, जब पेमा
खांडू समेत कांग्रेस के 43 विधायक पार्टी छोड़कर पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए थे. इसके बाद से ही पीपीए में पहले से मौजूद और हाल ही में शामिल
हुए नए सदस्यों में मतभेद जारी था.