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सार्क सम्मेलन: 26/11 की बरसी पर आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगे PM नरेंद्र मोदी

नेपाल की राजधानी काठमांडू में आज से दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की शुरुआत होगी. 'शांति और समृद्धि के लिए मजबूत क्षेत्रीय एकीकरण' की थीम पर 18वें शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है. सिटी हॉल में सुबह करीब 9:30 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ होगा. आज 26/11 मुंबई हमले की छठी बरसी भी है. बताया जा रहा है कि काठमांडू में सार्क सम्मेलन में मोदी अपने भाषण मेंआतंकवाद का मसला उठाएंगे और मुंबई हमले का जिक्र भी करेंगे.

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Narendra Modi
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नेपाल की राजधानी काठमांडू में बुधवार को सार्क सम्मेलन की शुरुआत होगी. 'शांति और समृद्धि के लिए मजबूत क्षेत्रीय एकीकरण' की थीम पर 18वें सार्क शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है. सिटी हॉल में सुबह करीब 9:30 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ होगा. जिसके बाद सभी आठ सदस्य देश- अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका- सम्मेलन को संबोधित करेंगे. आज 26/11 मुंबई हमले की छठी बरसी भी है. लिहाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 साल पहले मुंबई को मिले जख्म को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठा सकते हैं. बताया जा रहा है कि काठमांडू में सार्क सम्मेलन में मोदी अपने भाषण में आतंकवाद का मसला उठाएंगे और मुंबई हमले का जिक्र भी करेंगे. मोदी ने बुधवार सुबह ट्विटर पर हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

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सम्मेलन में सार्क के 9 पर्यवेक्षक ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूरोपियन यूनियन, ईरान, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मॉरिशस, म्यांमार और अमेरिका भी मौजूद रहेंगे. चीन के सार्क देशों में शामिल किए जाने की नेपाल की अपील के बाद इस सम्मेलन में पर्यवेक्षकों खासकर चीन के रुख पर भारत की खास नजर रहेगी.

दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों के बीच यातायात बढ़ाने, व्यापार उदारीकरण, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, पर्यावरण संबंधी परेशानियों पर चर्चा संभव है. सार्क देशों के नेता हेल्थ केयर, शिक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर देंगे.

पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी करेंगे 26/11 हमले का जिक्र
6 साल पहले मुंबई को मिले जख्म को नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाएंगे. आज 26/11 के आतंकी हमले की छठी बरसी है. काठमांडू में सार्क सम्मेलन में मोदी अपने भाषण में आतंकवाद का मसला उठाएंगे और मुंबई हमले का जिक्र भी करेंगे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी उसी दौरान मंच पर मौजूद होंगे. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान का नाम लिए बिना इस बात पर जोर देंगे कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में पांव पसारता आतंकवाद विकास के रास्ते में बाधा पहुंचा रहा है. 'जीरो टॉलरेंस फॉर टेरर' पर जोर देते हुए मोदी तमाम सार्क देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील करेंगे.

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नवाज शरीफ से बातचीत पर ग्रहण
मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज की मुलाकात की. इस मुलाकात से कायस लगाए जाने लगे हैं कि शायद काठमांडू में नमो-नवाज के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी. लेकिन नेपाल के एक चैनल को दिए नवाज शरीफ के एक इंटरव्यू के बाद इस मुलाकात पर ग्रहण लग गया है. विदेश मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए उन तमाम देशों का नाम लिया गया जिनके साथ बुधवार को भारत की द्विपक्षीय वार्ता होगी. इस लिस्ट में पाकिस्तान का नाम गायब है.

सार्क देशों के साथ भारत की द्विपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम
सोलटी क्राउन प्लाजा होटल में तमाम सार्क देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी. नरेंद्र मोदी भी पड़ोसी मुल्क के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष से मुलाकात करेंगे.
2.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलेंगे.
3.15 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात करेंगे.
4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोब्गे से बातचीत करेंगे.
4.45 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे से बातचीत होगी.
5.30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से मिलेंगे.
इन बैठकों के बाद सभी आठ देशों के अध्यक्षों की नेपाल के राष्ट्रपति रमबरन यादव से मुलाकात होगी. नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कुमार कोइराला की ओर से सभी नेताओं को डिनर दिया जाएगा.

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गेंद भारत के पाले में है: नवाज शरीफ
पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम नवाज शरीफ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की इच्छा तो जताई है लेकिन शर्तों की चादर में लपेटकर. नेपाल पहुंचने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक टेलीविजन चैनल से बात करते हुए कहा कि 'पाकिस्तान भारत से बातचीत करने के लिए तैयार है लेकिन पहला कदम नई दिल्ली को उठाना है. बातचीत का सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा जाना चाहिए, क्योंकि भारत ने विदेश सचिव स्तर की बातचीत रद्द की थी. वो भारत का इकतरफा फैसला था. अब गेंद भारत के पाले में है.'

12 साल पहले सार्क सम्मेलान में पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम परवेज मुशर्रफ ने अपना भाषण देने के बाद आगे बढ़कर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से हाथ मिलाया था. तो अगर इस बार भी मोदी या शरीफ की ओर से ऐसा कुछ चौंकाने वाला कदम उठाया जाए, तो बात और है. लेकिन फिलहाल दोनों देशों के बीच किसी औपचारिक मुलाकात की सुगबुगाहट नहीं है.

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