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मालेगांव ब्लास्ट मामले में सेना के दो पूर्व अफसर हिरासत में

मालेगांव ब्लास्ट की जांच सनसनीखेज रूप लेती जा रही है.  साध्वी प्रज्ञा और दो अन्य लोगों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस टीम दो रिटायर्ड फौजियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. 

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29 सितंबर को मालेगांव में हुए ब्लास्ट की जांच सनसनीखेज रूप लेती जा रही है.  साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और दो अन्य लोगों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने दो रिटायर्ड फौजियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.  सेना के दो पूर्व अफसरों को पुणे से मुंबई लाया गया है.

सूत्रों के मुताबिक एटीएस को शक है कि साध्वी प्रज्ञा को रिटायर्ड फौजियों से आरडीएक्स मिला. एटीएस को कुछ रिटायर्ड फौजियों पर शक है. एटीएस इसी सिलसिले में पुणे के दो रिटायर्ड फौजियों से पूछताछ कर रही है. उधर  मालेगांव ब्लास्ट के महीने भर के भीतर ही ब्लास्ट के गुनहगारों तक पहुंचने का दावा कर रही महाराष्ट्र की एटीएस टीम गिरफ्तार साध्वी प्रज्ञा सिंह, शिवनारायण और श्याम साहू को भी मुंबई लाकर गहराई से पूछताछ कर रही है.

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मालेगांव ब्लास्ट को लेकर अब राजनीतिक नफा-नुकसान का खेल भी शुरू हो गया है. मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम क्या आया, कांग्रेस को बीजेपी पर हमला बोलने का मौका मिल गया. साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ इंदौर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और इसी बहाने बीजेपी पर हमला बोल दिया. पार्टी ने बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और हिंदू जागरण मंच जैसे संगठनों पर पाबंदी लगाने की मांग भी दोहरा दी.

कांग्रेस के इंदौर प्रदर्शन का जवाब बीजेपी ने भोपाल में दिया. साध्वी की गिरफ्तारी को बीजेपी ने सिमी के शुभचिंतकों की साजिश बताया. बीजेपी का कहना है कि मध्यप्रदेश में सरकार ने सिमी का नेटवर्क गिराया है, इसीलिए सिमी समर्थक बौखलाहट में हिंदू संगठनों को निशाना बना रहे हैं. जांच के बाद सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.  साध्वी के बचाव में सिर्फ बीजेपी नहीं, बल्कि बीजेपी से अलग हुईं उमा भारती भी आ गई हैं. उन्होंने दावे से कहा कि वो साध्वी प्रज्ञा को निजी तौर पर जानती हैं, वो ऐसा नहीं कर सकतीँ.

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