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बुकर पुरस्‍कार की दौड़ में दो भारतीय

साहित्‍य के लिए दिए जाने वाले मैन बुकर पुरस्‍कार, 2008 में सलमान रश्‍दी अपना जगह तो नही बना पाए लेकिन भारत के ही अमिताभ घोष और अरविंद अडिगा ने अपने नामों को संभावितों की सूची में शामिल करवाया है.

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सलमान रश्‍दी साहित्‍य के लिए दिए जाने वाले मैन बुकर पुरस्‍कार, 2008 में अपना जगह तो नही बना पाए लेकिन भारत के ही अमिताभ घोष और अरविंद अडिगा ने अपने नामों को संभावितों की सूची में शामिल करवाया है.

घोष की बहुचर्चित उपन्‍यास सी आफ पो‍पीज और अडिगा की द व्‍हाइट टाइगर ने रश्‍दी की द इनचैन्‍टरेस आफ फ्लोरेंसको पीछे छोड़कर बुकर पुरस्‍कार के लिए चयनित अंतिम छह उपन्‍यासों में जगह बनाई है.

अडिगा के अलावा स्‍टीव टोल्‍ज भी पहली बार बुकर पुरस्‍कारों के अंतिम छह में जगह बनाने में सफल हुए हैं. 2000 की ओरेंज पुरस्‍कार विजेता और 2002 में बुकर पुरस्‍कार की दौड़ में शामिल लिंडा ग्रांट अकेली महिला उपन्‍यासकार हैं, जिन्‍हें इस बार बुकर पुरस्‍कार के छह संभावितों के लिए चुना गया है.

द मैन बुकर पुरस्‍कार 2008 के लिए छह संभावित नाम हैं: अरविंद अडिगा (द व्‍हाइट टाइगर), सेबस्तियन बैरी (द सीक्रेट स्‍क्रीपचर), अमिताभ घोष (सी आफ पोपीज), लिंडा ग्रांट (द क्‍लोदस आफ देयर बैक्‍स), फिलीप हेंसर (द नार्दन सेलीमेसी) और स्‍टीव टोल्‍ज (ए फ्रैक्‍शन आफ द होल).

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