ISIS की कैद से छुड़ाए गए दोनों भारतीय शनिवार रात लीबिया की राजधानी त्रिपोली में भारतीय दूतावास पहुंच गए. आतंकवादियों ने चार लोगों को अगवा किया था. भारत सरकार की ओर से बाकी दोनों की रिहाई की भी कोशिशें जारी हैं.
एक सरकारी सूत्र ने कहा, 'यूनीवर्सिटी ऑफ सिरते लाए गए दोनों लोग त्रिपोली में हमारे दूतावास पहुंच गए. वो सोमवार को ट्यूनिस के लिए रवाना होंगे. बाकी दो की रिहाई के लिए भी प्रयास जारी रहेंगे.'
रिहा शिक्षकों ने कहा, 'हम सुरक्षित हैं, जल्द लौटेंगे'
आजाद कराए गए दोनों भारतीय, विजय कुमार और लक्ष्मीकांत , कर्नाटक से हैं और शिक्षक हैं. उन्होंने कहा कि वो सुरक्षित हैं और जल्द वापस लौटेंगे. विजय कुमार ने
फोन पर कहा, 'मैं और लक्ष्मीकांत यहां लीबिया में सुरक्षित हैं.'
'पांच महीने की बेटी को आजतक नहीं देखा'
उत्तरी कर्नाटक के रायचूर से ताल्लुक रखने वाले लक्ष्मीकांत ने कहा कि उन्होंने अपनी पांच महीने की बेटी को उसके जन्म से ही नहीं देखा है. 'मुझे इस बात की उम्मीद
नहीं थी कि मैं अपनी बेटी से मिल पाऊंगा.' कुमार ने कहा कि त्रिपोली में भारतीय दूतावास के अधिकारी उनकी वापसी के कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं.
29 जुलाई को अगवा किए गए चार भारतीय
29 जुलाई को त्रिपोली और ट्यूनिस से भारत लौट रहे चार भारतीय नागरिकों को सिरते से करीब 50 किलेामीटर दूर एक जांच चौकी पर बंधक बना लिया गया. इनमें से
तीन सिरते यूनीवर्सिटी में शिक्षक हैं और एक जुफरा में सिरते विश्वविद्यालय की शाखा में काम कर रहे थे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जिस इलाके से भारतीयों को
अगवा किया गया, वह इस्लामिक स्टेट के कब्जे में है.
भाषा से इनपुट